RANCHI: आम लोगों के वाहनों में यदि नंबर प्लेट में कोई कमी हो, ठीक से लिखा नहीं हो या फिर नंबर प्लेट स्टाइलिश हो तो पुलिस फौरन कार्रवाई करती है। ऐसे लोगों के पकड़ में आते है उनपर भारी भरकम चालान कर दिया जाता है। लेकिन, यह नियम कानून पुलिस पर लागू नहीं होते। जैसे ये कानून के रखवाले हैं तो इन्हें कानून तोड़ने का विशेष हक मिला हुआ हो। जी हां, राजधानी रांची में कई ऐसे पुलिस वाले हैं जो कानून तोड़ना अपनी शान समझते हैं। कुछ पुलिस कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी बाइक में नंबर प्लेट तो लगा है लेकिन उसमें नंबर ही नहीं है। बाइक के बैक साइड में गाड़ी का नंबर लगाना अनिवार्य है, फिर भी ये कानून के रखवाले कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पंडरा ओपी से लेकर महिला थाने तक के पुलिस कर्मचारी नियमों को तार-तार कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कानून के इन रखवालों को कौन संभालेगा।

बिना नंबर चला रहे बाइक

पुलिस की बाइक में नबंर प्लेट तो लगा है। लेकिन उस पर नंबर ही गायब है। हर दिन ये पुलिस वाले शहर में निकलते हैं। आराम से घूमते हैं लेकिन न तो इन पर कोई जुर्माना होता है और न ही इनका चालान कटता है। पंडरा ओपी में तैनात एक पुलिसकर्मी ने अपनी बाइक में सिर्फ नंबर प्लेट लगा रखा है, जिसमें नंबर ही नहीं है। रेड कलर की बाइक से चलने वाले ये पुलिस कर्मी भले आम लोगों को नियम तोड़ने पर पकड़ते हों लेकिन ये खुद ही नियम तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल महिला थाना के पुलिस कर्मचारी का भी है। यहां भी लाल रंग की बाइक में चलने वाले पुलिस कर्मी नियम तोड़ने में अपनी शान समझते हैं।

आम लोगों से फाइन---फोटो आम लोगों पर फाइन करते हुए

वहीं, शहर का आम इंसान घर से निकलने से पहले ही परेशान रहता है कि न जाने कौन सी गलती पर उन्हें पुलिस पकड़ ले और फाइन भरना पड़ जाए। लोग अपनी गाड़ी के पेपर, हेलमेट, ट्रैफिक सिग्नल सभी का ख्याल रखने का प्रयास करते हैं। फिर भी भी पीलियन राइड तो कभी रांग पार्किंग के नाम पर लोगों से फाइन वसूला जा रहा है। प्रत्येक नागरिक के लिए यह स्पष्ट आदेश है कि व्हाइट कलर के नंबर प्लेट में ब्लैक अक्षर से नंबर लिखवा कर गाड़ी ड्राइव करनी है। अधिकतर लोग नियमों का पालन कर भी रहे हैं। लेकिन जिनपर जिम्मेवारी है कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने की वही लापरवाह बने हुए हैं।