रांची(ब्यूरो)। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बावजूद राजधानी रांची में इसका इस्तेमाल खत्म नहीं हो रहा है। वजह है कुछ नए प्लेयर्स का रांची के बाजार में एंट्री, जो बेधड़क अपना माल लोकल रिटेल सेल कर रहे हैैं। कोलकाता के कैनिंग स्ट्रीट, बागडीह मार्केट में सिंगल यूज प्लास्टिक की खुलेआम उपलब्धता है। इसके अलावा बिहार के गया और पटना से भी माल आसानी से रांची आ रहा है। यहां कांटाटोली, किशोरगंज और चुटिया के गुमनाम व्यापारी खुदरा सेल में जुट गए हैैं। ऐसे लोग सिंगल यूज प्लास्टिक को रांची जिले के पड़ोसी जिलों समेत बिहार-बंगाल से लाकर बेच रहे हैं और छोटे कारोबारियों, फल विक्रेताओं समेत अन्य व्यवसायियों को उपलब्ध करा रहे हैं।
ऐसे चल रहा है धंधा
सिंगल यूज प्लास्टिक का व्यवसाय सिटी में छोटे वाहनों से किया जा रहा है। कोराबारी अपने निजी वाहनों से पड़ोसी राज्यों से सीमित मात्रा में प्लास्टिक ला रहे हैं और दुकानदारों को उपलब्ध करा रहे हैं। वहीं सिटी का प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र अपर बाजार से इसका व्यवसाय लगभग बंद हो चुका है। अपर बाजार के सभी व्यवसायी अपना सामान ट्रांसपोर्ट से मंगाते हैं और ट्रांसपोर्ट व्यवसायी सामान की स्लिप देखकर सामान की लोडिंग करते हैं तथा प्रतिबंधित सामान देखते ही उसकी ढुलाई करने से इंकार कर देते हैं।
एक जुलाई से प्रतिबंधित
पर्यावरण के लिए खतरनाक बन चुके सिंगल यूज प्लास्टिक झारखंड समेत पूरे देश में एक जुलाई से प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि, झारखंड में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर 19 सितंबर 2017 से किसी भी आकार (हैंडिल या बिना हैंडिल के साथ), मोटाई, आकार व रंग के पालिथीन या कैरी बैग पर प्रतिबंधित है। लेकिन, सख्ती की कमी के चलते और जागरुकता के अभाव के कारण इसका पालन नहीं हो सका। वहीं इस साल से केंद्र सरकार ने इसके निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। मालूम हो कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर बांग्लादेश और ताइवान जैसे छोटे देशों ने भी प्रतिबंध लगा दिया है।
19 आईटम पर प्रतिबंध
फिलहाल प्लास्टिक के 19 आइटम को प्रतिबंध के दायरे में लाकर बैन किया गया है। वहीं 31 दिसंबर से 120 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैगों पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
इन चीजों पर है प्रतिबंध
प्लास्टिक स्टिक वाले इयर बड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टिक, सजावट वाले थर्माकोल, प्लास्टिक प्लेट और कप, गिलास, कटलरी, कांटे, चम्मच, स्ट्रा, ट्रे, प्लास्टिक पैकिंग आइटम, प्लास्टिक इनविटेशन कार्ड, सिगरेट के पैकेट्स, 100 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले पीवीसी बैनर पाबंदियों के दायरे में हैैं।
प्रदूषण बोर्ड का था निर्देश
झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निर्देश पर सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पादों, इन्हें स्टॉक करने, वितरण, बिक्री और उपयोग करने को लेकर राज्य के सभी उत्पादकों, स्टॉकिस्टों, खुदरा दुकानदारों, ई-कॉमर्स कंपनियों, स्ट्रीट वेंडरों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों (माल, मार्केट, शॉपिंग सेंटर्स, सिनेमाघर, पर्यटन, स्थलों, स्कूल, कॉलेजों, कार्यालय परिसर, अस्पतालों और अन्य संस्था) और आम जनता को सूचना देकर निर्देश दिया था। साथ ही इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके तहत माल की जब्ती, पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली, उद्योग-वाणिज्यिक इकाईयों के संचालन को बंद करना शामिल था।

प्रदूषण बोर्ड की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक के व्यवसाय पर प्रतिबंध लगाने के बाद हमलोगों ने इसका व्यवसाय बंद कर दिया है। यदि इसके बाद भी कुछ व्यवसायी इसका चोरी-छिपे व्यवसाय कर रहे हैं तो प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।
-राजीव थेपड़ा, सचिव, झारखंड डिस्पोजेबल एंड पैकिंग मैटेरियल एसोसिएशन (जेडीपीए)

सिटी में कुछ लोग फिर से सिंगल यूज प्लास्टिक का व्यापार कर रहे हैं। ऐसी सूचनाएं आ रही हैं। इस मामले पर हमलोग बैठक कर रहे हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।
-शशि रंजन, नगर आयुक्त, रांची नगर निगम