रांची (ब्यूरो) । कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब, स्त्री सत्संग सभा में सोमवार को बाबा अजीत सिंह जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष में दोपहर 3 बजे से विशेष दीवान सजाया गया। दीवान की शुरुआत समूह साध संगत द्वारा सुखमनी साहिबजी के सामूहिक पाठ के साथ हुई तत्पश्चात स्त्री सत्संग सभा की रमेश गिरधर, बबली दुआ एवं अमनदीप कौर ने मोहे मरने का चाउ है मरो ता हर कै द्वारएवं ब्रहम ज्ञानी सद जीवै नहीं मरता ब्रह्म ज्ञानी सब श्रृष्टि का कर्तातथा गगन दमामा बाजियो परयो निशाने घाव, खेत जो मांडिओ सूरमा अब जूझन को धाव शबद गायन कर साध संगत को गुरवाणी से जोड़ा।

गुर इतिहास के बारे में

गुरुद्वारा साहब के ग्रंथी भाई अमरीक सिंह ने कथा वाचन करते हुए साध संगत को गुर इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि बाबा अजीत सिंहजी सिख धर्म के दसवें गुरु दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंहजी के बड़े साहिबजादे थे.चमकौर की घड़ी में उन्होंने 40 सैनिकों की फौज में एक टुकड़ी का नेतृत्व किया और 10 लाख मुगलों की फौज से लड़ते हुए उनके छक्के छुड़ा दिए और शहीद हुए.उन्होंने युद्ध में जाने से पहले अपने पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज से कहा था कि नाम का अजीत हूं जीता नहीं जाऊंगा और जीत भी गया तो जीता नहीं आऊंगा। उनके शहादत स्थल पर पंजाब के चमकौर साहिब में गुरुद्वारा कतलगढ़ साहिब स्थित है,जहां आज भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु श्रद्धा भाव से माथा टेकने जाते हैं। दीवान में प्रकाश गिरधर, गिरीश मिड्ढा,अमर सिंह मुंजाल,सुंदर लाल मिड्ढा,पाली मुंजाल,मनीष गिरधर,सोनू खुराना,हीरा लाल थरेजा,हैप्पी मुंजाल,अमन सिंह,वेद प्रकाश मिड्ढा,जीतू मिड्ढा,सीमा मिड्ढा,ममता मुंजाल, सोनी,अंजू मुंजाल,पूनम मिड्ढा,राज कौर,अमर बजाज,बेबी मुंजाल,इंदु पपनेजा,साक्षी मिड्ढा,अमिषा मिड्ढा,दीप कौर,आशा मुंजाल,चांद नागपाल समेत सैकड़ो श्रद्धालु शामिल थे।