रांची(ब्यूरो)। साइबर अपराधियों तक पहुंचने के लिए झारखंड में प्रतिबिंब ऐप की लांचिंग हुई थी। जिस उद्देश्य से इस ऐप को स्टार्ट किया गया था, उस उद्देश्य को पूरा करने में पुलिस भी सफल रही है। साइबर अपराधियों को दबोचने में यह ऐप काफी उपयोगी सिद्ध हो रहा है। लगातार साइबर क्रिमिनल पकड़े जा रहे हैं। रांची पुलिस ने भी इस ऐप के जरिए साइबर से जुड़े दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब हो कि कुछ दिनों से सिटी के गोंदा थाना क्षेत्र से लगातार साइबर क्राइम की खबरें आ रही थीं, जिस नंबर का इस्तेमाल लोगों को ठगने में किया जा रहा था, पुलिस ने जब वह नंबर प्रतिबिंब ऐप पर डाला तो मोबाइल को लोकेशन सामने आ गया। इसके बाद पुलिस ने बड़ी ही सूझ-बूझ के साथ दोनों अपराधियों को दबोच लिया। राजधानी रांची के अलावा दूसरे जिलों से भी साइबर अपराधी प्रतिबिंब ऐप की मदद से लगातार गिरफ्तार हो रहे हैं।

अपराधियों को पकडऩा हुआ आसान

प्रतिबिंब ऐप को बीते साल सात नवंबर को लॉन्च किया गया था। इसके बाद से साइबर ठगों को पकडऩा सूबे की पुलिस के लिए आसान हो गया। ऐप की मदद से राज्य में फ्राड करने वालों को पकडऩे के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। ऐप की मदद से पुलिस ने अब तक 12 जिलों से करीब चार सौ से ज्यादा साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान सबसे ज्यादा साइबर क्रिमिनल्स देवघर से गिरफ्तार किए गए हैं। इसके बाद गिरीडीह से साइबर अपराधी गिरफ्तार हुए हैं। इस ऐप की मदद से साइबर ठगों को पकडऩा आसान हो गया है। अपराधियों के लोकेशन का पता पुलिस को आसानी से मिल जाता है। ऐप में मोबाइल नंबर डालने से लोकेशन ट्रैक करने में आसानी होती है। जब भी किसी के साथ ठगी होती है और उसकी शिकायत की जाती है। जिस नंबर से ठगी के लिए फोन आता है उसे इस ऐप की मदद से लोकेट कर साइबर ठगों को पकड़ लिया जाता है। पूरे राज्य में साइबर ठगों को पकडऩे के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान की मानेटरिंग पुलिस मुख्यालय से किया जा रहा है।

फ्रॉड के सभी नंबर ऐप में दर्ज

सीआईडी डीजी की मानें तो प्रतिबिंब में वे सभी नंबर दर्ज हैं, जिनका इस्तेमाल देश में कहीं भी साइबर ठगी के लिए किया जा रहा है। साइबर ठगी में इस्तेमाल हो रहे इन नंबरों को राज्य के संबंधित जिलों के एसपी को भेज दिया गया है। पहले से चिन्हित नंबर को पहले ही ब्लॉक कर दिया गया है। साथ ही सर्विस प्रोवाइडर्स को भी इस बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि सिम का फर्जी इस्तेमाल रोका जा सके। इसके बाद से 16 दिसंबर तक राज्य के 12 जिलों में करीब चार सौ साइबर ठगों को पकड़ा गया है। उनके पास से 1203 सिम कार्ड और 814 मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद किया गया।

दो महीने में 400 गिरफ्तारियां

देवघर में बीते दो महीने में 154 साइबर ठगी के आरोपितों को पकड़ा गया है। उनके पास से 274 सिम कार्ड और 219 मोबाइल बरामद किया गया है। दूसरे स्थान पर गिरिडीह जिला है। यहां इस दौरान 92 साइबर ठगों को पकड़ा गया और उनके पास से 240 सिम कार्ड और 196 मोबाइल जब्त किया गया है। वहीं, तीसरे स्थान पर जामताड़ा जिला है। यहां 54 साइबर ठगों के पास से 296 सिम कार्ड और 195 मोबाइल फोन बरामद हुआ है। इसके अलावा हजारीबाग से 31, धनबाद सें 10, जमशेदपुर में चार, पाकुंड व बोकारो में पांच-पांच, गोड्डा व लातेहार में तीन-तीन, गढ़वा में एक, कोडरमा में छह साइबर ठगों को पकड़ा गया है। इन साइबर ठगों को पकडऩे में प्रतिबिंब ऐप काफी मददगार साबित हो रहा है।

रांची में साइबर अपराध ज्यादा

बीते साल के आंकड़ों पर गौर करें तो साइबर अपराध के मामले में रांची पूरे राज्य में सबसे ऊपर है। अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के अनुसार, झारखंड में सबसे अधिक अपराध ठगी के ही हुए हैं। सिटी के अलग-अलग थानों में साइबर ठगी के करीब 1500 केस दर्ज हुए हैं। पिछले पांच वर्षों में झारखंड में साइबर अपराध के 5,350 मामले सामने आए हैं, इनमें 1500 सिर्फ रांची में ही दर्ज हुए हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि रांची साइबर अपराधियों के लगातार निशाने पर हैं, और अलग-अलग तरीके अपनाकर वे शहर वासियों को टारगेट कर रहे हैं। अब पुलिस भी इनसे निपटने की पूरी तैयारी में है। पुलिस की पहल भी दिखने लगी है।