रांची (ब्यूरो) । चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्थान में ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि ज्ञान सूर्य परमात्मा अन्धकार, निर्बलता, अस्वच्छता, चरित्रहीनता को दूर कर सदा सूर्य की भांति सेवा में उपस्थित रहता है। आज सर्व आत्माएं परमात्म ज्ञान से विमुख है। यदि हम ज्ञान सूर्य से संबंध जोड़कर उसके सम्मुख रहेंगे तो अत्यधिक मात्रा में सर्व शक्तियों को प्राप्त कर सकते हैं। छठ पर्व के दौरान रखी जाने वाली शारीरिक स्वच्छता तथा खान-पान की स्वच्छता के बारे में उन्होंने कहा जैसे प्रकृति के सूर्य परमात्मा के सम्मुख आने से आत्मा की गन्दगी दूर हो जाती है व विकारों के कीटाणु नाश होकर आत्मा शुद्ध स्वच्छ बन जाती है।

ब्रह्माण्ड को प्रकाशित

सूर्य जिस प्रकार स्वयं प्रदीप्त व प्रकाशमय परमपिता की अविनाशी शक्ति को पाकर इस ब्रह्माण्ड को प्रकाशित करता है उस परमपिता कल्याणकारी परमात्मा शिव से सर्व संबंध जोड़कर हम आत्माएं सम्पूर्ण विश्व को प्रकाशित कर कल्याण एवं परिवर्तन कर सकते हैं। उर्जा एवं शक्ति प्राप्ति की विवेचना करते हुए उन्होंने कहा ज्ञान सूर्य परमात्मा हम

आत्माओं से यही आशा रखते हैं कि हम एक-दो दिन अस्ताचलगामी या उदयकाल के कुछ घंटों के लिए ही नहीं बल्कि सदाकाल के लिए अभिमुख रहकर विश्व कल्याणकारी बनें।

प्रमाण प्राप्त नहीं करते

उन्होंने कहा कि बादल बीच में आने से पृथ्वी के अर्द्धभाग में सम्मुख नहीं होने से लोग रात्रि के समय सूर्य की शक्ति पूर्ण प्रमाण प्राप्त नहीं करते। इसीलिए जैसे वैज्ञानिक पृथ्वी से सवा लाख मील की दूरी पर एक शक्ति भंडार बनाने का विचार कर रहे हैं वैसे हम भी इस धरा के साकार वातावरण से दूर पांच तत्वों के पार परमधामवासी शिव से संबंध रखें तो अथाह शक्ति प्राप्त हो सकती है। फिर अपने शुद्ध विचारों की तंरगों द्वारा यहां की तड़पती दुखी अशांत आत्माओं को सुख, शांति, प्रेम,पवित्रता रूपी शक्तियां प्रेषित कर सकते हैं।