रांची : नगर विकास विभाग के धुर्वा के आनी मैदान में प्रस्तावित लाइट हाउस पर संकट की काली छाया है। शनिवार को भी नगर विकास एवं आवास विभाग के अधिकारी और इंजीनियर लाइट हाउस का निर्माण शुरू कराने आनी मैदान पहुंचे मगर बस्तीवासियों के विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा। बस्तीवासियों का आरोप है कि नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने उनके साथ बैठक कर समस्या को हल करने की बात कही थी। वो इंतजार करते रहे कोई अधिकारी झांकने तक नहीं आया।

एकजुट हुए बस्तीवाले

शनिवार को अचानक दोपहर लगभग 12 बजे निर्माण कार्य शुरू करने के लिए प्रशासन के अधिकारियों को देखते ही आसपास के बस्ती वासी एकजुट हो विरोध करने लगे। बस्ती बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध के बाद प्रशासन की टीम दोपहर 2:30 बजे वापस लौट गई। लोगों का कहना था कि एचईसी क्षेत्र के बस्तीवासी कठिन परिश्रम व तिनका- तिनका इकट्ठा कर किसी तरह सिर छिपाने के लिए आशियाना बना कर रह रहे हैं। वो लोग पिछले 60 से 70 वर्षों से जगन्नाथपुर, न्यू कॉलोनी, लीची बागान, आदर्श नगर, पटेल नगर, गायत्री नगर, धोबी घाट बाईपास, सुंदरगढ़ ,लंका कॉलोनी आदि कई बस्तियों में निवास करते हैं।

मैदान को बताया धरोहर

आनी मैदान एक राष्ट्रीय धरोहर है। यहां पूर्व में कई राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल प्रतियोगिताएं हो चुकी हैं। इसमें देश के नामी फुटबॉल टीमें हिस्सा ले चुकी हैं। बच्चे यहां खेलते हैं। इसके अलावा शादी, विवाह या किसी भी तरह का सांस्कृतिक अनुष्ठान इसी मैदान में होते हैं।

मेयर व डिप्टी मेयर के नहीं आने से नाराजगी

लोगों का कहना था कि 7 फरवरी मेयर व डिप्टी मेयर को आकर उनकी बात सुननी थी। मेयर नहीं आईं। बाद में 11 फरवरी को सुबह 9 बजे बताया गया कि 10:30 बजे से मी¨टग होगी। तब तक बस्ती वासी रोजमर्रा के काम पर निकल चुके थे। बैठक के लिए उन्हें दो दिन पहले बताया जाए ताकि वो छुट्टी लेकर तैयार रहें। उनका कहना है कि रविवार को बैठक कर उनकी बात सुनी जा सकती है।

बस्तीवासियों की मांगें

- लाइट हाउस परियोजना को किसी दूसरे स्थान में स्थानांतरित किया जाए।

- दिल्ली व पश्चिम बंगाल के तर्ज पर बस्ती को नियमित करते हुए मालिकाना हक दिया जाए।

- एचईसी क्षेत्र के एसटी एससी ओबीसी लोगों का जाति आवासीय आय व अन्य प्रमाण पत्र बनाया जाए।

- जनजीवन विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी की जाए।

- सड़क बिजली पानी नाली की समुचित व्यवस्था कर इस क्षेत्र को स्वस्थ वातावरण बनाया जाए।