रांची: राजधानी की जनता पिछले 2 महीने से अपनी चुनी हुई मेयर और सरकारी अधिकारियों की लड़ाई के बीच पब्लिक अपनी परेशानी से परेशान है। राजधानी में टैक्स कलेक्शन करने वाली एजेंसी को काम देने और दिलाने के चक्कर में नगर विकास विभाग के अधिकारी और रांची की मेयर के बीच मामला फंसा हुआ है, जिसका खामियाजा राजधानी की जनता को भुगतना पड़ रहा है जो पिछले 2 महीने से ना तो अपना नया होल्डिंग टैक्स ले पाया है ना ही ट्रेड लाइसेंस बन रहा है। इस कारण व्यवसायियों को इनकम टैक्स रिटर्न करने में परेशानी हो रही है, तो होल्डिंग टैक्स नहीं भरने से राजधानी की जनता परेशान है जबकि सरकार ने स्पैरो कंपनी को रांची नगर निगम में टैक्स वसूली के काम से हटाकर श्री पब्लिकेशंस का चयन कर लिया है, लेकिन मामला कोर्ट में चला गया है

नई कंपनी से नगर निगम को करोड़ों फायदा

रांची नगर निगम क्षेत्र में होल्डिंग, वाटर यूजर और ट्रेड लाइसेंस टैक्स वसूली के लिए नयी कंपनी श्री पब्लिकेशन का चयन हो चुका है। नयी कंपनी पहले की कंपनी स्पैरो सॉफ्टेक की तुलना में राजस्व वसूली के कामों के लिए करीब 3 प्रतिशत कम कमीशन लेगी। स्पैरो सॉफ्टेक उपरोक्त कर वसूली में करीब 10.5 प्रतिशत कमीशन लेती थी। लेकिन नयी कंपनी इस काम के लिए केवल 7.34 प्रतिशत कमीशन लेगी।

मेयर व नगर विकास विभाग के बीच फंसा

बता दें कि उपरोक्त टैक्सों की वसूली काम के लिए नयी कंपनी के चयन को लेकर नगर निगम बीते कई दिनों से चर्चा में है। मेयर लगातार कंपनी स्पैरो सॉफ्टेक को ही कार्य विस्तार देने पर अड़ी हैं। उनका कहना है कि पुरानी कंपनी ने निगम की राजस्व व्यवस्था को सुधारा है। दूसरी तरफ नगर विकास विभाग की एजेंसी सूडा ने एक नयी कंपनी का चयन किया है। इससे नाराज मेयर हाईकोर्ट तक चली गयी है। इन सबके बीच निगम अभी अपने स्तर पर ही राजस्व वसूली कर रहा है।

स्पैरो टेक की जगह श्री पब्लिकेशंस करेगी वसूली

नगर विकास विभाग ने निगम क्षेत्र में राजस्व वसूली काम के लिए श्री पब्लिकेशन्स का चयन किया है। अगले तीन वर्षो के लिए इसी एजेंसी द्वारा राजस्व वसूली का काम किया जाउगा। पूर्व में राजस्व संग्रहण करनेवाली एजेंसी का कमीशन 10.5 प्रतिशत था, जो अब नयी प्रक्रिया में घट कर 7.34 प्रतिशत हो गया है। विभाग का दावा है कि नयी एजेंसी द्वारा टैक्स कलेक्ट करने पर टैक्स में बिना किसी वृद्धि के भी निगम को करोड़ों रुपये की बचत होगी। यह राशि अगले तीन वर्षो में 4.5 करोड़ रुपये तक आंकलित की गयी है।

176.11 करोड़ वसूल चुकी है स्पैरो टेक

पूर्व वर्षो में राजस्व वसूली के आंकड़ों को देखे, तो स्पैरो सॉफ्टेक ने अबतक करीब 176.11 करोड़ रुपए वसूल चुकी है। यह राशि वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2020-21(-2सेकेंड क्वार्टर) तक के लिए है। स्पैरो सॉफ्टेक ने इस काम के लिए 10.5 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से करीब 18.49 करोड़ ले चुकी है। उपरोक्त वित्तीय वर्षो में यह राशि क्रमश: 86 लाख, 1.03 करोड़, 1.59 करोड़, 3.09 करोड़, 4.52 करोड़, 5.25 करोड़ और 2.13 करोड़ बनती है। नयी कंपनी श्री पब्लिकेशन जिस कमीशन दर (7.34 प्रतिशत) पर काम कर रही है, उससे इसकी तुलना करें, तो इन वित्तीय वर्षो में यह राशि क्रमश: 60 लाख, 72 लाख, 1.11 करोड़, 2.16 करोड़, 3.15 करोड़, 3.68 करोड़ और 1.49 करोड़ होती है। राशि कुल 12.09 करोड़ होती है। ऐसे में नयी कंपनी के कमीशन दर से निगम को करीब 6.38 करोड़ की बचत होती।