रांची(ब्यूरो)। सिटी में बहुत सारे लोगों के घरों में पिछले तीन महीने से बिजली का बिल नहीं आया है। लोग परेशान हैं कि एक साथ तीन महीने के बिल आएगा तो भुगतान कैसे कर पाएंगे। ऐसा नई एजेंसी को बिल कलेक्शन करने की जिम्मेवारी देने के बाद हुआ है। वहीं, विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बिल जेनरेट करने में थोड़ा समय तो लग रहा है, लेकिन बहुत सारे लोगों को अप टू डेट बिल भेजा जा रहा है। कुछ लोगों को नहीं मिल पा रहा है, उनको जल्द ही बिजली बिल मिल जाएगा। इस मामले को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से एक रांची कॉलिंग वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के लोगों ने अपनी राय रखी।
एक साथ बिल से प्रॉब्लम
झारखंड बिजली वितरण निगम ने नई एजेंसी को रांची में बिजली बिल वसूली की जिम्मेवारी दी है। रांची में कॉम्पीटेंट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का सेलेक्शन कर लिया गया है। उसके बाद से सही तरीके से किसी महीने बिजली का बिल नहीं मिल रहा है। लोगों से समय पर और सही तरीके से बिजली का बिल उपलब्ध करवाने की जिम्मेवारी बिजली विभाग की है, लेकिन वह पूरा नहीं कर पा रहा हैं। कंपनी को लेकर उपभोक्ताओं द्वारा कई बार शिकायतें की गईं कि कंपनी सही तरीके से बिलिंग भी नहीं करती है और मीटर रीडिंग भी समय पर नहीं होती है। कई सारे लोगों ने ऊर्जा मित्रों पर ही आरोप लगाए। वितरण निगम को अपना सिस्टम ठीक रखना होगा, ताकि लोगों को परेशानी ना हो।
-आशुतोष द्विवेदी

कनेक्शन काटने में आगे
लोगों को समय पर बिजली का बिल भले ही नहीं मिल पा रहा हो, लेकिन बिजली बिल के बकायेदारों का कनेक्शन काटने और राजस्व वसूली के लिए अभियान चलाने में कमी नहीं है। जिन लोगों के घरों का बिजली बिल दस हजार रुपए से ऊपर है, उनके घरों का कनेक्शन काटा जा रहा है। जबकि कई लोगों के घरों का तीन महीने का बिल ही दस हजार रुपए तक हो जाता है। अब अगर वितरण निगम की गलती से लोगों के घरों का बिल दस हजार रुपए हो जा रहा है तो इसके लिए जिम्मेवार कौन है। बिल अधिक हो जाने के बाद विभाग के अधिकारी कनेक्शन काटने के लिए लोगों पर दबाव बनाते हैं, लेकिन बिल नहीं आने पर कुछ नहीं बोलते हैं। बिल नहीं भेजने वाले जिम्मेवार अधिकारियों पर अगर कार्रवाई होगी तो लोगों को समय पर बिल मिलना शुरू हो जाएगा।
राजीव रंजन

परेशान है पब्लिक
राजधानी में अगर लोगों को समय पर बिजली का बिल नहीं मिल पा रहा है, जहां सभी वीआईपी रहते हैं, तो अंदाजा लगाया जा सकता कै कि दूसरे शहरों का क्या हाल होगा। बिजली वितरण निगम हर साल बिजली के बिल में बढ़ोतरी कर देता है, उपभोक्ता चुप रहते हैं, बहुत बार ऐसा होता है कि बिजली की कटौती बहुत अधिक रहती है, तब भी उपभोक्ता चुप रहते हैं। दस हजार से ऊपर बिल आने पर जबर्दस्ती घर में बिजली का कनेक्शन काट देते हैं, अब जब बिजली का लेट बिल उपभोक्ता को विभाग की गलती के कारण मिलेगा तो शहर के लोग क्या कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि विभाग के भी जिम्मेवार अधिकारियों को इस बारे में सोचना होगा। अब लोग परेशान हो रहे हैं कि कहां शिकायत करें।
धु्रव कुशवाहा

विभाग का नहीं चलेगा बहाना
जब कोरोना का समय था, तब बिल आने में देर होने पर विभाग के अधिकारी कोरोना का हवाला देते थे कि स्टाफ कम हैं या लोग घरों में नहीं आने देते हैं। अब तो छह महीने से अधिक हो गया है, सबकुछ नॉर्मल हो गया है ऐसे में अगर बिजली का बिल देर से आता है तो विभाग बहाना भी नहीं बना सकता है। किसी अपार्टमेंट में जहां लोग रहते हैं वहां 24 फ्लैट है, उसमें से 20 लोगों को हर महीने बिजली का बिल आता है, लेकिन चार लोगों को नहीं मिल रहा है। वे लोग चक्कर लगा रहे हैं। उनकी परेशानी यह है कि दस हजार से ऊपर होने पर उनका कनेक्शन काट दिया गया था, उन्होंने पैसा जमा करवा दिया, उनका कनेक्शन भी हो गया, लेकिन उनको अब बिल नहीं आ रहा है। नौकरी करने वाले लोगों के पास समय भी कम है, वे चक्कर कहां लगाएंगे।
आनंद कुमार