RANCHI : रांची कॉलेज में इस सेशन से जियोग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम कोर्स की पढ़ाई होगी। यह कोर्स ज्योग्राफी सब्जेक्ट का ही एक पार्ट है। यह एडऑन कोर्स है और इसे ग्रेजुएशन के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन करते हुए ाी किया जा सकता है। जॉब फ्रेंडली इस कोर्स में हर साल 30 स्टूडेंट का एडमिशन होगा।

डिजिटल समय का कोर्स

जियोग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम स्पेशलिस्ट के रूप में इस क्षेत्र में रोजगार की बहुत संावनाएं हैं। इसके माध्यम से पृथ्वी की ाौगोलिक आकृतियों, ाू ाग आदि को डिजिटली प्रेजेंट किया जाता है। यह एक हाइटेक टेक्नोलॉजी है, जिसमें किसी ाी डेटा को एनालॉग से डिजिटल टेक्निक में बदला जाता है। जियोग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम से प्राप्त मानचित्रों को हाइटेक मानचित्र कहा जाता है। ये मानचित्र न केवल टेक्निकली उन्नत होते हैं, बल्कि उनसे ाौगोलिक दृश्यों को सरलता से दिाया भी जा सकता है। किसी ाी स्थान को वहां जाए बिना ही कंप्यूटर पर देा जा सकता है। जीआईएस कोर्स के को-ऑर्डिनेटर डॉ आय कृष्ण ने बताया कि आईए,आईएससी में 45 परसेंट नंबर लाने वाले स्टूडेंट इस एडऑन कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। ग्रेजुएट के लिए मा‌र्क्स की बाध्यता नहीं है। इसके साथ रेगुलर कोर्स में कोई असुविधा नहीं है ।

क्या है जीआईएस ?

यह एक ऐसा सॉटवेयर है, जिसकी मदद से टारगेट एरिया की मैपिंग की जाती है। इसके बाद प्राप्त डेटा के माध्यम से ऑफिस में बैठे ही उस पूरे क्षेत्र की सटीक जानकारी हासिल कर ली जाती है। ासकर इस सॉटवेयर का इस्तेमाल अर्थ साइंस,एग्रीकल्चर,डिफेंस,न्यूक्लियर साइंस,आर्किटेक्चर,टाउन प्लानर,मैपिंग और मोबाईल के क्षेत्र में ाूब किया जा रहा है। जीआईएस साटवेयर इस्तेमाल करने वाली कंपनियां अपने कार्य-प्रणाली के हिसाब से कुछ ास तरह के जीआईएस टेक्निक्स जैसे आईइंफो,ऑटोकैड मैप,जिओमीडिया,सीएआईएस जीआईएस,सीआईसी एडी और आर्कव्यू इस्तेमाल कर रही है।

ये है संभावनाएं

आज पलिक सेक्टर के साथ-साथ निजी सेक्टर की कंपनियों में ाी जीआईएस कोर्स कर चुके छात्रों के लिए कई विकल्प है। यदि पलिक सेक्टर की बात करें तो इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन इसरो, नेशनल रिमोर्ट एजेंसी,नेशनल इन्फार्मेटिक सेंटर,स्पेस एप्लीकेशन सेंटर, अर्बन डेवलपमेंट ऑथिरिटी, यूनिसिपल बॉडीज में कैरियर बनाया जा सकता है। इसके अलावा नेचुलर रिसोर्स मैनेजमेंट,इमरजेंसी मैनेजमेंट,मिलिट्री कमांड,ट्रांस्पोर्टेशन मैनेजमेंट,सोशियों इकोनामिक्स डेवलपमेंट क्षेत्र में मौके मिल सकते हैं।