RANCHI:स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दूसरे दिन राज्य में कोरोना के रिकॉर्ड तोड़ने वाले आंकड़े सामने आए। राज्य में 5741 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई। इसमें अकेले रांची के 1364 संक्त्रमित शामिल हैं। इसके अलावा राज्य के 15 अन्य जिलों में भी हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। मार्च के अंत तक जिन जिलों में 4 मरीज रह गए थे, वहां शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में संक्रमितों की पहचान हुई। अब भी राजधानी रांची की स्थिति सबसे खराब है। यहां रिकवरी का आंकड़ा भी बढ़ा है, लेकिन मौत के मामले में भी रांची अब जमशेदपुर से केवल दो की अंक ही पीछे है। शुक्रवार को रांची और जमशेदपुर में 15-15 मरीजों की मौत हुई। राज्य भर में कुल 63 लोगों की मृत्यु संक्रमण के कारण हो गई।

कई जिलों में फैला संक्रमण

रांची और जमशेदपुर में हालात पहले से ही बेकाबू थे, अब संक्रमण अन्य जिलों में भी फैल गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी स्टेट कोविड बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को बोकारो में 298, चतरा में 96, देवघर में 120, धनबाद में 262, दुमका में 107, जमशेदपुर में 810, गिरिडीह में 92, गोड्डा में 102, गुमला में 174, हजारीबाग में 320, जामताड़ा में 296, खूंटी में 76, कोडरमा में 228, लातेहार में 74, लोहरदगा में 200, पाकुड़ में 16, पलामू में 250, रामगढ़ में 448, रांची में 1364, साहिबगंज में 118, सरायकेला में 95, सिमडेगा में 76 तथा पश्चिमी सिंहभूम में 119 मरीजों की पहचान हुई।

यहां से इतने रिकवर

राज्य में शुक्रवार को 3205 लोगों ने कोरोना को मात भी दी। इनमें से जितने लोग हॉस्पिटल में भर्ती थे, उन्हें डिस्चार्ज किया गया। रिपोर्ट के अनुसार बोकारो में 234, देवघर में 209, धनबाद में 94, दुमका में 108, जमशेदपुर में 356, गिरिडीह में 65, गोड्डा में 56, गुमला में 36, हजारीबाग में 121, जामताड़ा में 9, खूंटी में 435, कोडरमा में 79, लातेहार में 10, लोहरदगा में 41, पाकुड़ में 17, पलामू में 51, रामगढ़ में 90, रांची में 810, साहिबगंज में 164, सरायकेला में 30, सिमडेगा में 83 तथा पश्चिमी सिंहभूम में 107 लोगों ने संक्रमण से मुक्ति पाई।

220 रेलकर्मी पॉजिटिव

रांची रेल मंडल के रेलकर्मियों के कोरोना संक्त्रमित होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। डीआरएम भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। 220 रेलकर्मी अभी कोरोना संक्त्रमित हैं। इनमें 70 गार्ड शामिल हैं। गार्डो की सबसे बड़ी संख्या कोरोना पॉजिटिव होने वालों में है। इसके अलावा स्टेशन मास्टर, पॉइंट्स मैन, कंट्रोलर समेत अन्य कर्मचारी भी कोरोना पाजिटिव हैं। यही नहीं दक्षिण पूर्व जोन के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक भी कोरोना की चपेट में आए हैं। इसके चलते उनके दफ्तर को सेनेटाइज किया गया है। उनका दफ्तर शुक्रवार को बंद रहा। दक्षिण पूर्व जोन के महाप्रबंधक ने रेल कर्मियों को एक संदेश भेज कर कोरोना को लेकर एहतियात बरतने और सतर्क रहने की बात कही है।