रांची: राजधानी में नालियों की सफाई को लेकर रांची नगर निगम बड़े-बड़े दावे करता रहा है। साथ ही यह भी कहा गया कि नालियों की एक बार सफाई की जा चुकी है। वहीं दूसरे राउंड की सफाई का काम चल रहा है। लेकिन यहां तो नालियों की सफाई के नाम पर केवल पब्लिक की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। यही वजह है कि सफाई के बाद भी नालियां ही नजर नहीं आ रही हैं। ऐसे में बारिश के वक्त पानी की निकासी कैसे होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बताते चलें कि रांची नगर निगम को नगर विकास सचिव ने पिछले महीने ही सिटी के सभी नालों की सफाई कराने का आदेश दिया था।

1.50 करोड़ हर माह खर्च

नगर निगम के अंतर्गत 53 वार्ड आते हैं, जहां पर बड़े नालों के अलावा छोटे और कच्चे नाले भी हैं, जिसकी सफाई कराने की जिम्मेवारी रांची नगर निगम की है। इस काम के लिए नगर निगम लगभग हर महीने 1.50 करोड़ रुपए खर्च करता है। इसके बावजूद नालियों की स्थिति देखकर समझा जा सकता है कि कैसे अधिकारियों को भी आईवॉश किया जा रहा है। दिखावे के लिए मुख्य नालियों की रेगुलर सफाई करा दी जाती है, जिससे कि अधिकारियों की फटकार उन्हें न लगे।

500 मीटर पर सफाईकर्मी

नगर निगम ने डेढ़ साल पहले सभी 53 वार्डो का सर्वे कराया था, जिसमें जानकारी मिली थी कि कुल 2393 गलियां रांची नगर निगम के अतर्गत आती हैं। ऐसे में हर 500 मीटर पर एक सफाईकर्मी तैनात करने की योजना बनाई गई थी, जिससे कि स्वीपिंग के अलावा नालियों की सफाई को बेहतर किया जा सके। वहीं मॉनिटरिंग के लिए गली के पहले छोर से आखिरी व्यक्ति का नंबर भी लिया गया था, जिससे कि सुनिश्चित की जा सके कि सफाई हो रही है या नहीं। यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई।

नियर चेशायर होम रोड

इस रोड में बड़े-बड़े अपार्टमेंट भरे हैं। वहीं कुछ लोगों के अपने मकान भी हैं। जहां पर नालियों को देखकर ही स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं बारिश के वक्त तो स्थिति और भी खराब हो जाती है। जरा भी ध्यान चूका तो सीधे नाले में चले जाएंगे। चूंकि घास और झाडि़यों के कारण यह भी पता नहीं चल पाता कि रोड कहां तक है और नाली कहां तक। ऐसे में हमेशा एक्सीडेंट होने का भी खतरा बना रहता है।

बहू बाजार

फ्लाईओवर बनाने को लेकर काम शुरू हुआ। पाइपलाइन भी बिछाकर काम पूरा हो गया। लेकिन नालियों की सफाई करने नगर निगम के लोग ही नहीं आए। अब पेट्रोल पंप के सामने बड़ी नाली है। लेकिन झाडि़यों के कारण पूरी तरह जाम है। इसके अलावा बाहर से लोगों को समझ भी नहीं आती कि वहां पर नाली है। सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी वाली कहावत कभी भी सच हो जाएगी। वहीं बारिश के समय पानी की निकासी भी नहीं होगी।

स्टेशन रोड

दूर-दूर देखने के बाद भी नाली दिखाई नहीं दे रही है। चूंकि पूरी नाली घास और झाडि़यों से ढक गई है। इससे साफ है कि बारिश के आलावा आम दिनों में भी लोगों को नाली का पता नहीं चल पाएगा। ऐसे में बड़ी दुर्घटना होने की संभावना है। फिर भी नालियों की सफाई को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।

पुरुलिया रोड

इस जगह को देखकर ही समझा जा सकता है कि कैसी सफाई कराई गई है। केवल कागजों पर सफाई कराने के बाद अधिकारियों को डिटेल दे दी गई। इसके बाद जब पानी की निकासी नहीं होगी और कचरा रोड पर आएगा तो उसका खामियाजा रोड से गुजरने वालों को भुगतना होगा।