RANCHI:कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नगर निगम की ओर से विशष सफाई अभियान 'चलो करें कोरोना को डाउन, रांची बनेगा नंबर वन टाउन' चलाया गया। यह अभियान तीन इलाकों से आगे बढ़ ही नहीं सका। सिर्फ कांके रोड, मेन रोड और हरमू रोड में अभियान का असर देखा गया। जहां नगर निगम की टीम ने थोड़ी-बहुत सफाई कराई एवं सेनेटाइेजेशन का भी काम कराया। लेकिन, मुख्य सड़कों के अलावा गलियों, मोहल्लों और कॉलोनियों में निगम की कोई एक्टिविटी नजर नहीं आई। नगर निगम की ओर से फॉगिंग की गाडि़यां भी दौडाई गईं। वह भी सिर्फ कुछ खास इलाकों में दौड़ कर शांत हो गईं। 53 वार्डो वाली रांची में निगम के सिर्फ कुछ भाग में अभियान चलाने से कैसे सिटी को नंबर वन टाउन बनाया जा सकता है, यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है। बहरहाल नगर निगम की ओर से अब एक और अभियान 'सफाई तो होकर रहेगी' शुरू की गई है। अब देखना यह है कि इस अभियान के तहत रांची की गलियों और मोहल्लों की सफाई हो पाती है या नहीं।

कई वार्डो में गंदगी का अंबार

राजधानी रांची के लगभग हर वार्ड में गंदगी का अंबार लगा है। सिर्फ प्रमुख सड़कों की सफाई हो जाती है। लेकिन लोगों के घरों तक जाने वाली सड़क का हाल बुरा ही रहता है। यहां तक की कई महीनों से नालियों की भी सफाई नहीं हुई है, जिसका असर बीते दिनों हुई बारिश में देखने को मिला। जब जाम नालियों की वजह से सड़क पर ही गंदा पानी बहता रहा। कुछ इलाकों में यदा-कदा नाली सफाई तो होती है, लेकिन नाले की गंदगी निकाल कर सड़क पर ऐसे ही छोड़ दिया जाता है, जिससे वह दोबारा नाली में चला जाता है। वार्ड संख्या 28, 30 से 36, 51, 52 और 53 की हालत ज्यादा खराब है। इन इलाकों में न तो सफाई हो रही है और न ही नियमित कचरे का उठाव हो रहा है। लोकल लोगों ने इसकी शिकायत मेयर आशा लकड़ा से भी की है। शिकायत मिलने के बाद मेयर ने भी इन इलाकों का निरीक्षण किया, जहां लोगों की शिकायत सही पाई गई। इसके बाद मेयर ने निगम के अधिकारियों को सफाई का आदेश दिया है।

नहीं हो रहा सेनेटाइजेशन

2020 में कोरोना की पहली लहर में नगर निगम भी एक्टिव नजर आ रहा था। नगर निगम के कम संसाधन के बावजूद शहर के अलग-अलग इलाकों में सेनेटाइेजेशन कराया गया। यहां तक की नगर निगम के कर्मचारियों ने घर-घर जाकर दवा का छिड़काव किया था। लेकिन इस बार जब कोरोना की दूसरी लहर ने भयंकर तबाही मचाई है, ऐसे में नगर निगम भी बिल्कुल ठंढा पड़ गया। कुछ प्रमुख इलाकों को छोड़ कर कहीं और सेनेटाइजेशन भी नहीं कराया गया। मेयर आशा लकड़ा तो नगर आयुक्त पर सेनेटाइजेशन और फॉगिंग के नाम पर आपदा को अवसर बनाकर राजस्व दुरुपयोग का आरोप पहले ही लगा चुकी हैं। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। सेनेटाइजेशन के साथ-साथ मोहल्लों में फॉगिंग नहीं हो रहा है। संक्रमण काल में इन दिनों सेनेटाइजेशन और फॉगिंग दोनों जरूरी है।

कर्मियों के पास न मास्क, न ग्लव्स

इधर, मोहल्लों में घूमने वाले सफाई कर्मियों का कहना है कि निगम की ओर से न तो उन्हें मास्क दिया जा रहा है और न ही सेनेटाइजर उपलब्ध कराया जा रहा है। खुद के पैसे से खरीदकर इस्तेमाल कर रहे हैं। रातू रोड में झाडू लगाने वाली रश्मि ने बताया कि नगर निगम से कई बार सेनेटाइजर मांगा गया, लेकिन नहीं मिला। लोकल पार्षद से भी सेनेटाइजर देने को कहा, वहां से भी नहीं मिला। अंत मार्केट से 100 रुपए में खरीद कर उपयोग कर रहे हैं। रश्मि कहती हैं, काम भले निगम के लिए कर रहे हैं लेकिन जिदंगी अपनी है। मेरा भी परिवार है। कुछ हो जाएगा तो इलाज के लिए पैसे भी नहीं हैं और न ही नगर निगम पर उम्मीद है। इसलिए अपनी सुरक्षा खुद ही जरूरी है।