रांची (ब्यूरो)। शहर में सरकार बनाने की डुगडुगी बज चुकी है। इसके साथ ही चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी अपनी-अपनी चुनावी रणनीति बनाने में भी जुट गए हैं। वार्ड में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। समर्थन में कैसे लिया जाए इसपर भी मंथन चल रहा है। इस बार आरक्षण के रोस्टर जारी होते ही कुछ प्रत्याशियों के माथे पर चिंता की रेखाएं उभर आई हैं। रोस्टर के अनुसार करीब 50 परसेंट वार्ड में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित कर दी गई हैं, जिस वार्ड में लगातार पार्षद का चुनाव जीत रहे थे उन वार्ड को भी इस बार महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसके बाद वर्तमान पार्षदों ने अपनी-अपनी पत्नी को मैदान में उतारने का मन बना लिया है। रोस्टर के अनुसार, आधी रांची में महिलाएं चुनाव लड़ेंगी और आधे में पुरुष प्रत्याशी भी भाग्य आजमा सकेंगे। हालांकि, महिला आरक्षित वार्ड को सामान्य करने से अब वहां महिलाओं के साथ पुरुष भी चुनावी दंगल में होंगे।
पार्षद, जिन्होंने पत्नियों को मैदान में उतारा
वार्ड पार्षद पत्नी बनी प्रत्याशी
1 नकुल तिर्की सुनीता तिर्की
10 अर्जुन यादव संगीता देवी
14 दिनेश राम रूपा रानी
20 सुनील यादव निकिता देवी
26 अरुण कुमार झा बिट्टो कुमारी
31 अशोक यादव रिंकी देवी
34 विनोद सिंह सीमा सिंह
37 आनंद मूर्ति ज्योति सिंह

53 में 25 सीट महिला रिजर्व
जिला प्रशासन द्वारा जारी रोस्टर के अनुसार 53 वार्डों में 26 सीटें आरक्षित की गयी हैं। वहीं, 27 सीटें अनारक्षित होंगी। 53 वार्डों में 25 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई है। कुल 53 वार्डों के जारी आरक्षण रोस्टर के अनुसार अनुसूचित जाति (अजा) के लिए दो, अनुसूचित जनजाति (अजजा) के लिए 11, पिछड़ा वर्ग के लिए 13 और अन्य के लिए 27 पद शामिल हैं। इनमें महिलाओं के लिए एससी की एक, एसटी की पांच, पिछड़ा वर्ग की 6 व अन्य के लिए 13 सीटें आरक्षित की गयी हैं। आरक्षण रोस्टर वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर तैयार किया गया है।

क्या कहते हैं वर्तमान पार्षद
अपने कार्यकाल में मैंने अपने वार्ड के लिए कई काम किए हैं। महिला आरक्षित होने के बाद चुनाव नहीं लडऩे से बेहतर है। अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाई जाए।
-अर्जुंन यादव, पार्षद, वार्ड 10

लगातार पार्षद रहते हुए मैंने अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन ईमानदारी पूर्वक किया है। अब वार्ड महिला के लिए आरक्षित होने पर पत्नी इस जिम्मेवारी को संभालेंगी।
-अरुण कुमार झा, पार्षद, वार्ड 26

क्षेत्र की जनता को मुझ पर भरोसा है। उनके भरोसे को मैंने टूटने भी नहीं दिया है। इस बार यह वार्ड महिला आरक्षित हो गया है। मैं नहीं तो मेरी पत्नी चुनाव लड़ेंगी।
-अशोक यादव, पार्षद, वार्ड 31