रांची: झारखंड में रांची-जमशेदपुर फोरलेन हाईवे मिस्ट्री हो गया है। पिछले 4 सालों से यह सड़क बन रही है लेकिन अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। रांची-जमशेदपुर फोरलेन हाईवे 75 परसेंट ही बन पाया है। एनएचएआई ने दिसंबर 2012 से इस सड़क का काम शुरू किया है। 164 किलोमीटर लंबी और 60 मीटर चौड़ी इस सड़क को बनाने में लागत भी कई गुणा बढ़ गई है। अब एनएचआई ने दिसंबर 2020 कंप्लीट होने का टारगेट रखा है, लेकिन जिस स्पीड से काम चल रहा है उससे संभव नहीं है कि इस साल भी इस सड़क का काम पूरा हो पाएगा। वहीं, इन 8 सालों में इस सड़क पर 1000 से अधिक दुर्घटनाओं में 600 से अधिक लोगों की मौत और 800 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इस सड़क पर-हाईकोर्ट के आदेश पर काम में देरी की सीबीआई जांच भी की जा रही है।

दोगुनी हुई लागत

2012 में जब इस सड़क का निर्माण शुरू हुआ था, उस समय इसकी लागत 1654 करोड़ रुपए तय हुई थी। लेकिन 1500 करोड़ रुपए खर्च करके सिर्फ 52 परसेंट काम ही हो सका। उसके बाद डिले होने के कारण हाईकोर्ट का हस्तक्षेप हुआ, कंपनी को ब्लैकलिस्टेड किया गया और नई कंपनी को काम सौंपा गया। इससे इस सड़क की लागत भी बढ़ गई।

25 परसेंट बचा है काम

एनएचआई ने सरकार को बताया है कि मानसून को देखते हुए सड़क का काम पहले ही तेजी से किया गया। रांची से जमशेदपुर की ओर 55 किलोमीटर फोरलेन हाईवे पूरी तरह तैयार हो गया है। एनएचआई दिसंबर में ही सड़क को पूरा करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। पुराना और नया मिलाकर रांची टाटा हाइवे का कुल 75 परसेंट काम पूरा हो गया है। इस हाइवे को दिसंबर में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

4 हिस्सों में बांटकर हो रहा काम

इस हाइवे को चार हिस्से में बांटकर डेढ़ साल में तैयार करने के लिए पिछले साल जून में नए सिरे से निर्माण शुरू किया गया। इससे पहले सड़क 52 परसेंट तैयार की जा चुकी थी, लेकिन अत्यधिक विलंब के कारण पुरानी कंपनी की जगह चार नई कंपनियों को काम सौंपा गया। शेष 48 परसेंट का आधा काम पूरा हो गया है। एनएचएआई ने जानकारी दी है कि मानसून को देखते हुए सड़क का काम पहले ही तेजी से किया गया। रांची से जमशेदपुर की ओर 55 किलोमीटर फोरलेन हाइवे पूरी तरह तैयार हो गया है। सड़क निर्माण के साथ लेन, साइनेज बोर्ड, बस स्टॉप, स्ट्रीट लाइट लगाने का काम भी पूरा किया जा रहा है।

क्यों दिसंबर में पूरा नहीं होगा काम

सड़क पर अब भी कुछ जगहों पर स्थानीय कारणों से काम रफ्तार नहीं पकड़ रहा। मानसून की बौछार इस बार अच्छी खासी रहेगी। ऐसे में काम बंद रहेगा। मानसून के बाद अक्तूबर से दिसंबर तीन महीने में 25 प्रतिशत काम पूरा करना एक चुनौती है। पुराना और नया मिलाकर रांची-टाटा हाइवे का कुल 75 फीसदी काम पूरा हो गया है।