रांची: कोरोना महामारी से उभरने के बाद आए बजट से पब्लिक को बूस्टर मिलने की उम्मीद थी। लेकिन यूथ के रिएक्शन से ऐसा लगता है कि बूस्टर तो दूर इस बजट से उन्हें भारी निराशा हुई है। युवा मल्टीविटामिन की उम्मीद कर रहे थे, उन्हें नार्मल टॉनिक भी नहीं मिला है। बजट से यूथ काफी नाराज हैं। युवाओं का कहना है बजट से रोजगार और इनकम के साधन बढ़ने की उम्मीद थी। 2020 में जिस तरह कोरोना महामारी की वजह से लोगों के रोजगार छीन गए, किसी का बिजनेस बंद हो गया। मंथली इनकम रुकने से फाइनेंसियल कंडिशन भी बिगड गई। इसबार के बजट से मेडिसीन मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उम्मीद पर पानी फिर गया।

क्या कहते हैं यूथ

बजट में सरकार का फोकस स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिफॉर्म के जरिए अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने पर है। हेल्थ के बजट में इजाफा किया गया। वहीं किसी तरह का कोई नया टैक्स न लगाकर लोगों को राहत भी दी गई है। लेकिन युवाओं के लिए कुछ नया नहीं है। बजट में रोजगार का जिक्र भी नहीं है।

- चंदन प्रजापति

सरकार ने कोरोना काल में सीनियर सिटीजन को तो टैक्स में राहत देकर ग्लूकोज देने का काम किया है। लेकिन युवाओं को एनर्जी बूस्टर भी नहीं मिला है। ओवरऑल बिजनेस में कोई टैक्स होलिडे नहीं है, जिससे निराशा है।

- करण कुमार

झारखंड को कुछ नहीं मिला है। इंफ्रंास्ट्रक्चर क्षेत्र में बढे़ सरकारी इनवेस्टमेंट को बढावा मिलने से आर्थिक स्थिति सुधरने की उम्मीद है। हम युवाओं के लिए किसी तरह का कोई पैकेज नहीं है। बावजूद कठिन परिस्थिति में संतुलित बजट पेश किया गया है।

- अंजलि

केंद्र सरकार झारखंड के लोगों को सिर्फ वोट बैंक समझती है। तभी इस राज्य के लिए बजट में अलग से कोई प्रावधान नहीं होता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। झारखंड टूरिज्म सेक्टर में ग्लूकोज की जरूरत थी, जिससे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

- मनोज

- पैनडेमिक पिरीयड में छोटे बिजनेस काफी प्रभावित हुए हैं। बिजनेसमैन को सरकार से टॉनिक मिलने की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ को जरूर मल्टीविटामिन मिला, लेकिन देखना यह होगा कि झारखंड में इसका क्या बेनेफिट मिलता है।

-विक्रम कुमार

मैं इंटरटेनमेंट सेक्टर से ताल्लुक रखता हूं। लॉकडाउन और कोरोना महामारी में इस सेक्टर पर भी बुरा असर पड़ा है। बजट में इंटरटेनमेंट सेक्टर के लिए अलग से कुछ नहीं है। हजारों लोग इस पेशे से जुडे़ हैं, उन्हें छलने का काम किया गया है।

- सौरभ सिंह

मैं बजट पर ज्यादा तो नहीं समझती लेकिन इतना जरूर समझ आया है कि इस बजट में यूथ के लिए ऐसा कुछ नहीं जो स्वागत योग्य हो। न तो एजुकेशन में और नहीं एंप्लॉयमेंट में कोई नई घोषणा की गई है।

- तान्या

यह बजट आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने वाला बजट है। सरकार ने स्वास्थ्य , इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन , एग्रीकल्चर एवं व्यापार करने की आसानी को ध्यान में रखते हुए यह बजट पेश किया है।

- प्रतुल मल्ल

यह बजट कहीं से भी युवाओं ओर छात्रों के हित में नहीं है। ना रोजगार के लिए कोई सृजन किया गया है, ना छात्रों के भविष्य को देखते हुए कुछ दिया गया है। सिर्फ और सिर्फ पूंजीपतियों के विकास को प्राथमिकता है।

- आशुतोष वर्मा

बजट से युवाओं और छात्रों को काफी निराशा हुई है। सरकार की मंशा नौजवानों को बर्बाद करना है। झारखंड में केंद्रीय विवि की उम्मीद थी लेकिन नहीं मिला। सौ से ज्यादा सैनिक स्कूल तो खुल जाएंगे, लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति का जिक्र भी नही किया गया है।

- अजित विश्वकर्मा