- 800 मरीजों ने रांची में होम आइसोलेशन में रहते हुए कराया रजिस्ट्रेशन

- घर पर उनका डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है

- रजिस्ट्रेशन के बाद ही मिलेगी जिला प्रशासन की ओर से सुविधाएं

जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, रांची के अस्पतालों में बेड कम पड़ते जा रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग अब घर पर ही रहकर अपना इलाज करा रहे हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए एनआईसी के सहयोग से एक पोर्टल स्वरक्षा डॉट एनआइसी डॉट इन तैयार किया है। होम आइसोलेशन में रहने को इच्छुक बिना लक्षण वाले मरीजों को जिला प्रशासन से इसकी अनुमति लेने के लिए इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया है।

खुद से कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन

कोरोना मरीज इस पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर और एसआरएफ आईडी के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के क्रम में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अपना विवरण, बीमारी का विवरण, घर पर होम आइसोलेशन की आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराते हुए होम आइसोलेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें सैंपल कलेक्शन की तिथि, रिपोर्ट आने की तिथि आदि की भी जानकारी देनी होगी।

दूसरी बीमारी की भी देनी होगी जानकारी

संक्रमित व्यक्ति यदि किसी अन्य बीमारी से ग्रसित है, तो उसका विवरण भी उपलब्ध कराना होगा। साथ ही परिवार के सदस्यों की संख्या, 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले सदस्यों की संख्या, 10 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या, अलग कमरा, बाथरूम, ऑक्सीमीटर आदि की उपलब्धता संबंधी विवरण भी देना होगा। इसके बाद जिला प्रशासन होम आइसोलेशन की अनुमति देने के संबंध में निर्णय लेगा।

रजिस्टर्ड लोगों को मिलेंगी सुविधाएं

सरकार के इस पोर्टल पर जो भी संक्रमित व्यक्ति रजिस्ट्रेशन कराएंगे, उनको सरकार की ओर से मिल रही सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा। जिन लोगों का डेटा इस पोर्टल पर उपलब्ध होगा, उनको डॉक्टरों द्वारा घर पर ही चिकित्सकीय सलाह भी दी जाएगी। जिला प्रशासन की टीम उन पर नजर भी रखेगी। जो इंसिडेंट कमांडर बनाए गए हैं, वह होम आइसोलेशन में रहने वालों को मदद भी करेंगे। अगर उनको बेड की जरूरत होगी तो जिला प्रशासन, उन्हें समय पर बेड भी उपलब्ध कराएगा।

प्रशासन की ओर से निगरानी

रजिस्ट्रेशन के बाद होम आइसोलेशन की अनुमति मिलते ही जिला प्रशासन इसका प्रमाणपत्र भी देगा, जिसे मरीज पोर्टल से डाउनलोड कर सकेंगे। होम आइसोलेशन में रहने पर मरीजों से प्रतिदिन कॉल कर उनकी स्थिति की जानकारी ली जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य विभाग का कोई पदाधिकारी या स्वास्थ्य कर्मी शुरू के दस दिनों तक कम से कम दो बार मरीज के घर में विजिट करेंगे।

अभी 800 मरीज होम आइसोलेशन में

रांची में 800 से अधिक कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। ये 800 मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने होम आइसोलेशन के लिए अंडरटेकिंग लिया है। कई ऐसे भी हैं, जो घर में रह जाते हैं और अंडरटेकिंग नहीं लेते। बता दें कि कोरोना संक्रमित होने के बाद मरीजों को आइसोलेशन में रहने के लिए संबंधित सीओ जो इंसिडेंट कमांडर भी होते हैं, उनसे अंडरटेकिंग लेना होता है। इसके बाद ही होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को डॉक्टरी सलाह और परामर्श दिया जाता है। होम आइसोलेशन में विजिट करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि अगर हमें पता होता है कि कोई पॉजिटिव मरीज होम आइसोलेशन में हैं और अंडरटेकिंग नहीं लिया है, उसे भी वे वीडियो कॉल या फिर विजिट कर अटेंड कर लेते हैं।

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जो लोग होम आइसोलेशन में हैं और जिला प्रशासन द्वारा अनुमति मिलने के बाद रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, उनका इलाज डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है। स्वरक्षा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले लोगों को यह सुविधा दी जा रही है।

डॉ वीबी प्रसाद, सिविल सर्जन, रांची