रांची: लॉकडाउन के दौरान बिजली बिल के फिक्स चार्ज को खत्म करने की मांग विद्युत राज्य नियामक आयोग ने मान ली है। फिक्स चार्ज और डिमांड चार्ज पर सोमवार को फैसला सुनाया गया। राज्य विद्युत नियामक आयोग के अनुसार तीन महीने के फिक्स चार्ज में रियायत दी गई है। ये तीन महीने अप्रैल, मई और जून हैं। वितरक कंपनियों को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए कंपनियों पर छोड़ा गया है कि वो इस व्यय को अगले परफॉर्मेस रेवेन्यू में शामिल करेंगे या नहीं।

कंज्यूमर्स को फाइन नहीं

इस दौरान किसी तरह का फाइन भी वितरक कंपनियां नहीं लेंगी। यह घोषणा कॉमर्शियल व इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं के लिए है। आयोग की ओर से वर्चुअल मीटिंग के जरिए इसकी घोषणा की गई। वहीं डीले पेंमेंट सरचार्ज (फाइन) में सितंबर तक की छूट दी गई है। लॉकडाउन अवधि से लेकर सितंबर महीने तक का डीले पेमेंट सरचार्ज (डीपीएस) उपभोक्ताओं से नहीं लिया जाएगा। बता दें कि फिक्स चार्ज एचटी कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं से लिया जाता है।

नेक्स्ट बिल में होगा एडजस्ट

फिक्स चार्ज में रियायत एक अप्रैल से 30 जून तक दी गई है। वहीं डीले पेमेंट सरचार्ज में सितंबर तक की छूट दी गई है। ऐसे में जिन उपभोक्ताओं ने इस दौरान फिक्स चार्ज या डीले पेमेंट सरचार्ज भुगतान किया है। उनके बिल का एडजस्टमेंट वितरक कंपनी की ओर से किया जाएगा। इसके तहत बिल में कटौती करते हुए एडजस्टमेंट किया जा सकता है।

लाभुक उपभोक्ताओं से होगा एडजस्ट

नियामक आयोग के सदस्य रविंद्र नारायण सिंह ने आयोग का फैसला सुनाते हुए कहा कि अगले साल के टैरिफ में उपभोक्ताओं को दी जाने वाली यह रियायत ध्यान में रखी जाएगी। कंपनियों के प्रस्ताव के अनुसार, इसे एडजस्ट किया जाएगा। वहीं वितरक कंपनियों को यह तय करना है कि एडजस्टमेंट लाभुक उपभोक्ताओं को ही मिले, न कि सभी उपभोक्ताओं से इस व्यय की भरपाई की जाए। बता दें कि जनसुनवाई के दौरान जेबीवीएनएल और डीवीसी जैसी वितरक कंपनियों ने लगातार फिक्स चार्ज एडजस्टमेंट की बात की थी। इन कपंनियों का कहना था कि वितरक कंपनियां लॉकडाउन के दौरान से घाटे में हैं। राजस्व वसूली नहीं हो पा रही।

प्रधान सचिव व ऊर्जा सचिव ने लिखा था लेटर

फिक्स चार्ज में छूट के लिए ऊर्जा सचिव एल ख्यांग्ते ने 16 अगस्त को आयोग को पत्र लिखा, जिसके बाद 24 अगस्त को प्रधान सचिव सह जेबीवीएनएल एमडी राजीव अरुण एक्का ने नियामक आयोग को पत्र लिखा, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून तक फिक्स चार्ज में छूट की मांग की गई। वहीं आम जनता को राहत देने का भी जिक्र था। इस पत्र में रियायत एडजस्टमेंट साल 2020-21 के टैरिफ में करने कहा गया था।