-राजीव ने पूछताछ में लिया है नौशाद आलम का नाम, अंगरक्षक व चालक का लिया बयान

-पुलिस मुख्यालय ग्रामीण एसपी को करेगा शो-कॉज, जानेगा उनका इरादा

रांची : कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के इलाज के लिए जिस रेमडेसिविर इंजेक्शन को सिर्फ अस्पताल सप्लाई के लिए अनुमति मिली है, उसकी व्यापक पैमाने पर कालाबाजारी की भी पुष्टि होती जा रही है। रांची के कोतवाली थाने में दर्ज एक केस के अनुसंधान में सीआइडी को अब तक ऐसे 12 रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की पुष्टि हो चुकी है। इस कालाबाजारी से जुड़े लोगों से पूछताछ जारी है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी में गिरफ्तार राजीव सिंह ने सीआइडी की पूछताछ में रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम का भी नाम लिया था। उसने बताया था कि ग्रामीण एसपी के कहने पर उसने रेमडेसिविर इंजेक्शन उनके करीबी गुड्डू को 20 हजार रुपये में दिलाया था।

मदद के लिए फोन

इस मामले में ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने मौखिक तौर पर पुलिस मुख्यालय को बताया है कि उन्हें पता था कि राजीव सिंह रेमडेसिविर इंजेक्शन दिलवाने में मदद कर सकता है। ग्रामीण एसपी ने बताया कि लोग मदद के लिए उन्हें फोन करते थे। गुड्डू ने भी फोन किया तो उन्होंने राजीव को बोलकर रेमडेसिविर इंजेक्शन दिलवाया। अब रेमडेसिविर इंजेक्शन किस मूल्य पर दिया गया, यह उन्हें नहीं पता। अब पुलिस मुख्यालय ग्रामीण एसपी को शो-कॉज कर उनका विधिवत पक्ष लेगा और यह जानने की कोशिश करेगा कि इस कालाबाजारी में क्या उनका भी कोई रोल है।

ड्राइवर का लिया बयान

इधर, राजीव सिंह के बयान के बाद सीआइडी ने ग्रामीण एसपी के अंगरक्षक राजीव कुमार पांडेय व चालक शहाबुद्दीन का बयान लिया। दोनों ने बताया कि राजीव सिंह के बताए अनुसार ही ग्रामीण एसपी का अंगरक्षक राजीव कुमार पांडेय अरगोड़ा स्थित मेडिसिन प्वाइंट नामक दुकान पहुंचा, वहां से फोन पर राजीव सिंह से बात कराई और फिर इंजेक्शन लेकर गुड्डू को इंजेक्शन दिया और 20 हजार रुपये लिए। बाद में राजीव सिंह के माध्यम से ही साढ़े तीन हजार रुपये में आक्सीजन फ्लो मीटर भी उसी मेडिसिन प्वाइंट दुकान से खरीदा।

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मरीज के नाम पर बि¨लग

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में सीआइडी ने दवा कारोबारी मेडिसिन प्वाइंट के संचालक राकेश रंजन व सृष्टि अस्पताल हिनू के कर्मी मनीष सिन्हा से भी पूछताछ की। अब तक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। पूछताछ में यह बात सामने आई है कि सृष्टि अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की बि¨लग वहां भर्ती मरीज के नाम पर की गई और उसे नहीं देकर उसकी कालाबाजारी की गई। अब तक सृष्टि अस्पताल से पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की ही पुष्टि हो सकी है।

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आज हाई कोर्ट में शपथ पत्र

जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया था और सीआइडी के अनुसंधान पर सवाल उठाया था। इसके बाद से ही सीआइडी गंभीरता पूर्वक पूरे मामले का अनुसंधान कर रही है। इस मामले में हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 13 मई को होनी है। इससे पूर्व 12 मई को सीआइडी हाई कोर्ट में शपथ दायर करेगी।

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किस प्रावधान के तहत कार्रवाई

सीआइडी की टीम रेमडेसिविर मामले में कार्रवाई के लिए धाराओं की तलाश कर रही है। वर्तमान में आवश्यक वस्तु अधिनियम, आपदा प्रबंधन कानून और औषधि नियंत्रण अधिनियम के अधीन रेमडेसिविर आच्छादित होती नहीं दिख रही है। कानून में संशोधन के बिना इन अधिनियमों के तहत कार्रवाई संभव नहीं है। अब सीआइडी कानून विशेषज्ञों से परामर्श लेकर अन्य धाराओं में कार्रवाई करेगी, जिसके लिए विचार-विमर्श की जा रही है।