--छह मेडिकल कालेज में काला बिल्ला लगाकर कर रहे काम

रांची : रिम्स समेत राज्य के अन्य पांच मेडिकल कालेज के सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने सोमवार से आंदोलन शुरू कर दिया है। 1 मार्च से 6 मार्च तक सभी मेडिकल कालेज के रेजिडेंट डॉक्टर काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। दरअसल, तीन सालों के एरियर की मांग को लेकर चिकित्सकों के सब्र का बांध अब टूट चुका है। कोरोना काल के दौरान सेवा देने के बावजूद राज्य के करीब 700 जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों के अलावा सीनियर रेजिडेंट को तीन साल के एरियर का भुगतान नहीं किया गया है।

मिनिस्टर से मिले थे

एक माह पूर्व रिम्स में हुई शासी परिषद की बैठक के बाद जूनियर डाक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य सचिव और रिम्स निदेशक से मुलाकात कर एरियर के भुगतान का आग्रह किया था। गौरतलब है कि 2016 से 2019 तक एरियर का भुगतान नहीं किया गया है। इससे नाराज राज्य के 700 जूनियर रेजिडेंट और सीनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने विरोध शुरू किया है।

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पासआउट होकर चले गए कई डाक्टर

रेजिडेंट डाक्टरों ने कहा कि विभिन्न विभागों में काम कर चुके हाउस सर्जन का अभी तक एरियर भुगतान नहीं किया गया है। अधिकांश बैच एरियर की आस में रिम्स से पास होकर निकलने के बाद झारखंड के विभिन्न मेडिकल कालेजों में सेवा दे रहे हैं। कई दूसरे राज्यों में अपनी सेवा दे रहे हैं। रिम्स न्यूरो सर्जरी विभाग के जूनियर चिकित्सक और जेडीए के सदस्य डा। विकास कुमार ने कहा कि जनवरी 2016 से मार्च 2019 के बकाया एरियर का भुगतान नहीं किए जाने के विरोध में काला बिल्ला लगाकर हम सभी रेजिडेंट डाक्टर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न मेडिकल कालेज के रेजिडेंट डाक्टरों को बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया है। बावजूद अब तक झारखंड के रेजिडेंट डाक्टरों को एरियर का भुगतान नहीं किया गया है। डा। विकास ने कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर अगर सरकार भुगतान नहीं करती है, तो आगे कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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