RANCHI:एक साल पहले सरकार ने महिलाओं के नाम एक रुपए में रजिस्ट्री की योजना को बंद कर दिया था। इससे महिलाएं तो दुखी हुईं, लेकिन सरकार का राजस्व बढ़ गया। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वर्ष जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री से अधिक राजस्व की वसूली हुई है। पिछले वित्तीय वर्ष यानी वर्ष 2019-20 में करीब 560 करोड़ रुपए का राजस्व विभाग को प्राप्त हुआ था, जबकि इस वित्तीय वर्ष में 15 मार्च तक 644.45 करोड़ रुपए के राजस्व की वसूला हुई है।

84 करोड़ रुपए अधिक राजस्व आया

पिछले साल की तुलना में इस वित्तीय वर्ष करीब 84 करोड़ रुपए के रेवेन्यू की बढ़ोतरी हुई है। निबंधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अभी निबंधन की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में राजस्व का आंकड़ा 31 मार्च तक और बढ़ेगा। चालू वित्तीय वर्ष के लिये विभाग ने 1006.50 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य तय किया था। इसकी तुलना में 644.45 करोड़, यानी 64.02 फीसदी की वसूली हुई है। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजस्व वसूली का लक्ष्य 700 करोड़ का था, जबकि वसूली 560 करोड़ रुपए की हुई थी।

इस कारण बढ़ा राजस्व

इस वित्तीय वर्ष महिलाओं के नाम फ्री (एक रुपए की टोकन मनी में) रजिस्ट्री बंद होने से राजस्व की वसूली हुई है। पहले महिलाओं के नाम संपत्ति निबंधन कराने से मुद्रांक व निबंधन शुल्क नहीं लगते थे। ऐसे में करीब 90 फीसदी निबंधन महिलाओं के नाम हो रहे थे। अगस्त 2020 में संपत्ति के वैल्युएशन में भी बढ़ोतरी की गयी। इससे भी राजस्व की बढ़ोतरी हुई है।

नहीं तो और बढ़ता राजस्व

जानकारी के मुताबिक कोराना महामारी की वजह से अप्रैल से जून तक रजिस्ट्रेशन कार्य प्रभावित रहा था। इस वजह से निबंधन का काम नहीं हुआ था। बाद में रजिस्ट्री शुरू हुई, तो तेजी से कार्य किये गये। अधिकारियों का कहना है कि यदि सब कुछ सामान्य होता, तो राजस्व की वसूली और अधिक होती। अब इस साल 2021-22 का टार्गेट और अधिक बढ़ा दिया गया है। इस साल रेवेन्यू में भी अ<स्हृद्द-क्तञ्जस्>छी-खासी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है।

50 लाख तक फ्री होती थी रजिस्ट्री

पिछले साल सरकार ने महिलाओं के नाम पर 50 लाख रुपए तक की संपत्ति की रजिस्ट्री एक रुपए में करने की योजना बंद कर दी थी। इसे बंद करने के पीछे तर्क दिया गया था कि कोई भी गरीब या लोअर मिडिल क्लास 50 लाख रुपए में जमीन और फ्लैट नहीं खरीदता। इस योजना को बंद करने से पहले सरकार की ओर से योजना को लेकर चार महीने तक समीक्षा की गई, उसके बाद इसे बंद किया गया।

पौने दो लाख डीड रजिस्ट्री हुई

31 माह तक एक रुपए में करीब 1.75 लाख डीड की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम की गयी थी। 19 जून 2017 से यह योजना लागू हुई थी। तब से जनवरी तक 31 महीने में राज्य में करीब 70 फ सदी यानी 1.75 लाख डीड की एक रुपए में रजिस्ट्री हुई। इससे करीब 1300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

रांची में भी एक रुपए में रजिस्ट्री बंद होने से राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल कुछ महीने रजिस्ट्री बंद रही, इसलिए कम वसूली हुई, अगले साल रेवेन्यू कलेक्शन में और उछाल आएगा।

-घासी राम पिंगुआ, अवर निबंधक, रांची