RANCHI:राजधानी रांची में 300 से अधिक सोना चांदी के छोटे दुकान जमकर सरकार के राजस्व की चोरी कर रहे हैं। आम आदमी की जेब भी काट रहे हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब 'दैनिक जागरण - आई नेक्स्ट' की टीम ने गली-मोहल्ले के सोना चांदी के दुकानदारों से बिना जीएसटी बिल के खरीदारी की बात की। कई दुकान बिना जीएसटी बिल के ही सोने-चांदी के जेवरात बेचने को तैयार हो गए। अहम यह है कि गली-मोहल्लों में कई ऐसे दुकानदार भी हैं, जिन्होंने अभी तक जीएसटी में रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया है। नतीजा यह है कि सोने-चांदी के छोटे दुकानों में सोने की प्योरिटी को लेकर भी संशय बना रहता है। गली-मोहल्ले के छोटे दुकानदार किस क्वालिटी का सोना बेचते हैं, इसका भी कोई पैमाना नहीं है।

तीन परसेंट जीएसटी है अनिवार्य

जीएसटी काउंसिल की ओर से जारी निर्देश के अनुसार सोने-चांदी की बिक्री पर तीन परसेंट तक जीएसटी ही लिया जाएगा। यह दूसरे सभी सामानों की अपेक्षा सबसे कम जीएसटी है। इसके बावजूद ज्वेलरी शॉप वाले बिना जीएसटी के जेवर बेचने को तैयार हो जाते हैं। हालांकि, अधिकतर बड़े दुकान वाले पक्के में ही काम करते हैं, लेकिन छोटे दुकानदार कच्चे और पक्के दोनों में काम करने को तैयार हो जाते हैं। कई दुकानदार हैं, जिनके पास जीएसटी का रजिस्ट्रेशन भी है लेकिन कस्टमर के डिमांड पर बिना जीएसटी का भी कच्चा रसीद दे रहे हैं।

जीएसटी का रजिस्ट्रेशन भी नहीं

रांची के कई गली-मोहल्लो में ऐसे दुकान भी हैं, जिनका अपना जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। एक दुकानदार से जब पूछा गया कि क्या बिना जीएसटी बिल के ही सोने की अंगूठी मिल सकता है? तो उसने ऑफ र दिया कि हमारे दुकान का जीएसटी नंबर नहीं है लेकिन हम अपने भतीजे के दुकान का जीएसटी नंबर के साथ पक्का बिल भी दे सकते हैं। शहर के जो छोटे दुकानदार हैं, उनमें जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं होने से सरकार के राजस्व का भी बड़ा नुकसान हो रहा है।

कच्चे बिल का खेल

सरकार ने सोने चांदी पर सबसे कम तीन परसेंट हीं जीएसटी रखा है, इसके बावजूद कई दुकानदार बिना जीएसटी कच्चे कागज पर बिल दे रहे हैं। ऐसे में सरकारी खजाने में भी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। छोटे दुकानदार मोहल्ले के लोगों को बिना जीएसटी बिल का है रसीद काटने का ऑफ र भी देते हैं। रांची शहर में ही 300 से अधिक छोटी जेवर दुकानें हैं। इनमें से अधिकतर दुकान जीएसटी नियम का पालन नहीं करते हैं।

हॉल मार्क का रजिस्ट्रेशन भी नहीं

सरकार ने सोने-चांदी के सभी दुकानों का हॉल मार्क रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य कर दिया है। शहर के जितने भी बड़े ज्वेलरी शॉप हैं, सभी ने हॉल मार्क रजिस्ट्रेशन करा लिया है। लेकिन गली-मोहल्ले के छोटे सोने चांदी के दुकानदारों ने हॉल मार्क रजिस्ट्रेशन भी नहीं लिया है। इन दुकानदारों के पास न तो हॉल मार्क रजिस्ट्रेशन है और न ही जीएसटी नंबर है। अगर इनके पास जीएसटी नंबर है भी तो वह मैनिपुलेट करते हैं। छोटे दुकानदार बिना जीएसटी के बिल काटते हैं यह जानकारी प्रशासनिक पदाधिकारियों को भी है, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।

केस -1

बिना जीएसटी की भी ले सकते हैं जेवर

कोकर बाजार स्थित रूप कला ज्वेलरी हाउस में बात किया गया तो उसके ओनर ने बताया कि आपके पास दोनों तरह का ऑप्शन है। आप अगर 10000 की अंगूठी लेते हैं तो जीएसटी के साथ 10300 का बिल बनेगा, अगर बिना जीएसटी का बिल लेते हैं तो 10000 ही लगेगा।

केस दो

भतीजे की दुकान का बिल देंगे

एचबी रोड में अनिल ज्वेलर्स के ओनर ने बताया कि यहां बिना जीएसटी बिल का सामान मिल जाएगा। हमारे पास जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं है लेकिन अगर आपको जीएसटी के साथ बिल की जरूरत है तो हमारे भतीजे का भी सोना चांदी का दुकान है, उसका बिल दे देंगे।