रांची : प्राइवेट स्कूलों को अब मान्यता या निबंधन के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अब स्कूल निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 (आरटीई) के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को कल्याण कोष की बैठक के दौरान राइट टू एजुकेशन पोर्टल (आरटीई डॉट झारखंड डाट जीओवी डॉट इन) का शुभारंभ किया।

निबंधन से आवेदन तक

यह पोर्टल प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा तैयार किया गया है तथा विभाग की संयुक्त सचिव गरिमा सिंह इसकी नोडल पदाधिकारी बनाई गई हैं। फिलहाल इस पोर्टल में स्कूलों के निबंधन को लेकर ऑनलाइन आवेदन से लेकर जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति की उसपर स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी होगी। स्कूलों को मान्यता संबंधित प्रमाणपत्र भी ऑनलाइन मिल सकेगा। बाद में इस पोर्टल के माध्यम से ही आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसद सीटों पर बीपीएल बच्चों का नामांकन भी सुनिश्चित होगा। इससे इस पोर्टल पर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में सीटों और नामांकन का ब्योरा उपलब्ध रहेगा। पोर्टल के शुभारंभ के अवसर पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह ने पोर्टल की विशेषताओं से मुख्यमंत्री व अन्य पदाधिकारियों को प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया। बता दें कि सभी प्राइवेट स्कूलों को आरटीई के तहत मान्यता लेना अनिवार्य है।

कितने बीपीएल का एडमिशन

इस पोर्टल से यह पता चल सकेगा कि किस स्कूल ने आरटीई के तहत कितने बच्चे का अपनी 25 फीसद सीटों पर नामांकन लिया। अभी तक अधिसंख्य स्कूल इसका अनुपालन नहीं कर रहे थे। पदाधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में राज्य में लगभग 30 हजार प्राइवेट स्कूल हैं, जबकि 350 स्कूलों में ही बीपीएल बच्चों का नामांकन हो रहा था।

आरटीई का कितना अनुपालन

इस पोर्टल में स्कूलों को यह भी बतना होगा कि आरटीई के तहत कौन-कौन सी सुविधाएं वहां उपलब्ध हैं। पोर्टल में इसकी भी व्यवस्था की जा रही है।