रांची: स्टेट के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने वाली नई एजेंसी ने आते ही उनकी डाइट पर डाका डालना शुरू कर दिया है। वहीं, हाइजेनिक खाना उपलब्ध कराने में भी फेल साबित हो रही है। इतना ही नहीं, नयी एजेंसी ने तो मरीजों को दी जाने वाली डाइट की थाली भी छोटी कर दी है। इससे समझा जा सकता है कि कैसे एजेंसी मरीजों का हक मारने में लगी है। बता दें कि रिम्स मैनेजमेंट ने टेंडर निकाला था, जिसके आधार पर जाना इंटरप्राइजेज को काम दिया गया है।

5 वक्त का देना है खाना

नयी व्यवस्था के तहत मरीजों को 5 वक्त का खाना दिया जाना है, इसमें सुबह का चाय-नाश्ता और शाम को स्नैक्स देने की भी व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा मरीजों के लिए अब नई डाइट चार्ट में फिर से चिकन और एग करी को शामिल किया गया है, जिससे मरीजों को भरपूर प्रोटीन और न्यूट्रीएंट्स मिल सकें। वहीं दही, जैम और बटर का पैकेट भी मरीजों को दिया जाना है। लेकिन एजेंसी ने थाली में ही दही परोसना शुरू कर दिया है, जिससे साफ है कि एजेंसी अपनी मनमानी पर उतर आयी है। इसे देखने वाला कोई नहीं है। जबकि खाने के लिए रिम्स प्रबंधन 129 रुपये प्रति मरीज प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करेगा।

डेली 1500 मरीजों का खाना

किचन में हर दिन 1500 मरीजों का खाना तैयार किया जाता है। उन्हें बेड पर खाना उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही प्लेट सिस्टम किया गया। लेकिन एजेंसी ने मरीजों की थाली छोटी कर दी है, जिसमें खाना की मात्रा भी कम हो गयी है। इसके अलावा थाली में एक डिस्पोजेबल प्लेट में सब्जी परोसी जा रही है। जिससे कि सबकुछ एक-दूसरे से मिक्स हो जा रहा है। ऐसे में मरीजों को हाइजेनिक खाना उपलब्ध कराने का उद्देश्य भी अधूरा रह गया है।

क्या कहना है एजेंसी का

इस संबंध में एजेंसी के मैनेजर ने बताया कि अबतक पूरी तरह से काम शुरू नहीं हो पाया है। अचानक हमें रातों रात काम करने का जिम्मा दे दिया गया। प्लेट बदलने की हमारी बातचीत हो रही है, जहां तक क्वांटिटी की बात है तो अलग से मरीजों को दे रहे हैं, चूंकि थाली ही छोटी है। दही को लेकर अभी गाइडलाइंस नहीं मिली है। अगर टेंडर में पैक्ड देने का लिखा है तो उसे शुरू कर दिया जाएगा। जल्द ही सारी चीजें दुरुस्त हो जाएंगी।