- हाईकोर्ट के निर्देश के बाद रेस हुए नगर निगम के अधिकारी

रांची : राजधानी में 250 अवैध भवनों पर अगले सप्ताह से बुलडोजर चलना शुरू हो जाएगा। नगर निगम ने शुक्रवार को बैठक कर इन भवनों की सूची तैयार कर ली है। शनिवार को इन भवनों के मालिकों को अंतिम नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस का जवाब नहीं मिलने के बाद इन भवनों को तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी जाएगी। जिन भवनों को सूची तैयार हुई है वो अपर बाजार, हिनू नदी के किनारे, कांके डैम के आसपास और बड़ा तालाब के करीब स्थित हैं। गौरतलब है कि नगर निगम ने इन भवनों के मालिकों को पहले कई बार नोटिस जारी की है। मगर, किन्हीं कारणों से कार्रवाई नहीं हो पाई है। कभी राजनीतिक दबाव तो कभी अधिकारियों की लापरवाही के चलते मामला लटका रह गया। अब जब हाईकोर्ट ने अधिकारियों को कार्रवाई करने का सख्त निर्देश जारी किया है तो नगर निगम के अधिकारी रेस हो गए हैं।

अवैध निर्माण की समीक्षा

नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने शुक्रवार की शाम टाउन प्ला¨नग शाखा समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर शहर में हो रहे अवैध निर्माण और जलाशयों के आसपास किए गए अवैध निर्माण पर कार्रवाई की समीक्षा की। उन्होंने वैसे अवैध निर्माण की सूची तैयार करने का निर्देश दिया जिन्हें पहले नोटिस दिया गया था और अवैध निर्माण का मामला भी दर्ज किया गया है। इसके बाद भी संबंधित भवन मालिक ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। देर शाम तक करीब 250 भवनों की सूची तैयार कर ली गई। इसमें पहले कई बार नोटिस देने के बावजूद अवैध निर्माण को नहीं हटाया गया है। इसमें हिनू नदी, कांके डैम ,बड़ा तालाब और अपर बाजार क्षेत्र के भवन शामिल हैं। नगर आयुक्त ने ऐसे भवन मालिकों को अंतिम नोटिस भेजने का निर्देश दिया गया है।

24 घंटे में एक्शन

अंतिम नोटिस का जवाब 24 घंटे के अंदर प्राप्त नहीं होने पर संबंधित भवनों को तोड़ने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए कहा। निगम की टीम शनिवार को क्षेत्रवार अवैध भवन मालिकों को नोटिस भेजेगी। इसके बाद अगले सप्ताह से अवैध भवनों को तोड़ने की दिशा में कार्रवाई शुरू होगी। मालूम हो कि झारखंड हाई कोर्ट ने जलाशयों में किए गए अतिक्रमण के मामले में मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि अतिक्रमण नहीं रोक सकते तो ऐसे अफसरों को कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। इसके बाद से नगर निगम जलाशयों के आसपास बने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने कि रणनीति बनाने में जुट गया है। हालांकि जलाशयों के आसपास किए गए अतिक्रमण को हटाने के मामले में रांची जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराना जिला प्रशासन का काम है।

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