रांची (ब्यूरो) । एशिया यूथ इंटरनेशनल मॉडल संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में चयनित होकर झारखंड के साकेत ने एक कीर्तिमान बनाया। महज़ 24 की उम्र में ही एशिया यूथ इंटरनेशनल माडल संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में चयनित होकर एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया। एशिया यूथ इंटरनेशनल के सचिव जोनास ब्रंस ने साकेत को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। इस वर्ष 26 जनवरी से 29 जनवरी मलेशिया के कुआलालंपुर में एशिया यूथ इंटरनेशनल माडल संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें भारत से कुल 28 युवा प्रतिभागी भाग लिये थे। यह संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का एक प्रारूप होता है जिसमें पूरे विश्व से प्रतिभाशाली युवा प्रतिभागियों को सीखने और समझने के लिए एक मंच दिया जाता है। इसमें डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, जैसी बड़ी बड़ी कमिटियां होती है।

15 से 25 वर्ष के युवा

इसमें 15 से 25 वर्ष के युवा ही भाग ले सकते हैं। जिस क्षेत्र पर विद्यार्थी शोध किए होते हैं, उस पर अपना माडल प्रस्तुत करना होता है। प्रतिभागियों को अनुसंधान, सार्वजनिक रूप से बोलना, बहस करना, लिखना, आलोचनात्मक सोच, टीम वर्क और नेतृत्व जैसे कौशल सीखने को मौका मिलता है। प्रतिनिधि सम्मेलनों से पहले शोध करते हैं। इसमें प्राथमिक विद्यालय से लेकर कालेज या विश्वविद्यालय स्तर तक के छात्रों को शामिल किया जाता है। प्रत्येक छात्र एक देश, संगठन या व्यक्ति के प्रतिनिधि के रूप में काम करता है और उसे दुनिया भर के अन्य प्रतिनिधियों के साथ समस्या का समाधान करना होता है।

कतर की समस्या

झारखंड की राजधानी रांची में पले बढ़े साकेत ने दोहा कतर का प्रतिनिधित्व किया और अपने शोध के आधार पर कतर की समस्या, समाधान और अन्य बिंदुओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने क़तर की समस्याओं ख़ासकर साइबर सुरक्षा को लेकर समाधान कैसे हो, इसपर एक मॉडल प्रस्तुत किया, जिसे सबने सराहा। साकेत की कम्युनिटी थी इंटरपोल। कई देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में साकेत ने बताया कि इंटरपोल, कतर और अन्य देश मिलकर कैसे साइबर समस्याओं से निबट सकते हैं।