रांची (ब्यूरो) । आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी, रांची कैंपस में दो दिवसीय प्लेसमेंट पूल का आयोजन का शुभांरभ हुआ। जिसका उद्घाटन करते हुए आरकेडीएफ विश्वविद्यालय रांची के कुलपति प्रोफेसर एस चटर्जी ने चयनित छात्रों को बधाई देते हुए एसटीईएम ट्रेनर के भविष्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि (एसटीईएम) विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणितज्ञ ट्रेनर एक पेशेवर शिक्षक होता है, जो विज्ञान प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग या गणित के विषय को पढ़ाता ही नहीं बल्कि एसटीईएम विषयों से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को डिजाइन करने, विकसित करने और बांटने के लिए जिम्मेदार है।
अवसर का लें लाभ
उन्होंने कहा की एसटीईएम शिक्षक बनकर वैज्ञानिकों, टेक्नोक्रेट, इंजीनियरों और गणितज्ञ का निर्माण कर सकते हैं, जल्दी से जल्दी इस अवसर का लाभ अधिक से अधिक छात्रों को उठाना चाहिए। यह आपके सपनों को साकार करने के साथ-साथ आपके भविष्य को उज्ज्वल बना सकता है और आप एक अ'छे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। कुलसचिव डॉ अमित कुमार पांडे ने कहा कि एसटीईएम ट्रेनर पर भविष्य के निर्माण की जिम्मेदारी है। वह विज्ञान, गणित, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के छात्रों की प्रगति का मूल्यांकन करता है।
फीडबैक की जिम्मेवारी
छात्रों के अभिभावकों से नियमित रूप से संवाद करना, छात्रों को नियमित रूप से फीडबैक देना और विभिन्न छात्रों की पृष्ठभूमियों और संस्कृतियों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के अतिरिक्त बहुत सी जिम्मेदारियां होती हैं। स्वाति फूटानी, वाइस प्रेसिडेंट मफतलाल ग्रुप ने बताया कि एसटीईएम ट्रेनर को अपना कार्य प्रभावी ढंग से करने के लिए उनमें कुछ कौशल की आवश्यकता होती है। यह कौशल तकनीकी, संचार, संगठनात्मक और कंप्यूटर कौशल होते हैं।
तकनीकी कौशल जरूरी
उन्होंने बताया कि व्यवहारिक जिम्मेदारियां को निभाते समय तकनीकी कौशल महत्वपूर्ण होता है। एसटीईएम ट्रेनर के लिए कुछ तकनीकी कौशल में स्लाइड शो बनाना व प्रस्तुत करना, डिजिटल मीटिंग्स का आयोजन करना, सॉफ्टवेयरोन का उपयोग करना, गणित, इंजीनियरिंग और विज्ञान की जानकारी का होना आवश्यक है। क्योंकि वह छात्रों को नए विचारों से अवगत कराते हैं। छात्रों के माता-पिता से बातचीत करते समय और छात्रों की प्रगति को बताने में संचार कौशल की आवश्यकता होती है। संगठनात्मक कौशल में ट्रेनर को पाठ योजना बनाना, कार्य की ग्रेडिंग करना, छात्रों की प्रगति पर नजर रखना जिससे छात्रों के बीच प्रभावी शिक्षण हो सके, ट्रेनर को पाठ योजना बनाते समय कंप्यूटर कौशल की आवश्यकता होती है। असाइनमेंट सेट करना और ईमेल करना स्लाइड प्रस्तुत करना और पढ़ने की सामग्री तैयार करने में कंप्यूटर स्किल की आवश्यकता होती है।