रांची: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने क्लास नौवीं से 12 वीं तक के स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट्स में विकल्प का लाभ देने का निर्णय लिया है। यह लाभ नए एकेडमिक ईयर से दिया जाएगा। स्टूडेंट्स को मिलने वाला यह ऑप्शन सब्जेक्ट्स सेलेक्शन को लेकर है। सीबीएसइ के मुताबिक, अब नौवीं से 12वीं के स्टूडेंट्स चाहें तो हिंदी और अंग्रेजी के बदले अपनी क्षेत्रीय भाषा पढ़ सकेंगे। सीबीएसइ ने हिंदी और अंग्रेजी लैंग्वेज पढ़ने की बाध्यता खत्म करने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी बोर्ड ने सभी जोन के स्कूलों को भेज दी है।

नए साल से नया सिलेबस

जानकारी के मुताबिक, अब तक क्लास नौवीं व 10वीं में तीन मुख्य विषय गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के अलावा हिंदी और अंग्रेजी पढ़ना होता था। बोर्ड ने इसे खत्म किया है। स्टूडेंट्स को इस बदलाव का लाभ अगले साल से नये पाठयक्रम के साथ मिलेगा।

छठे विषय पर भी है विकल्प

बोर्ड ने लैंग्वेज के अलावा अब छठे विषय के तौर पर वैकल्पिक विषय पढ़ने का भी ऑप्शन दिया है। जिसके मुताबिक नौवीं और दसवीं के स्टूडेंट्स गणित, विज्ञान और सोशल साइंस के साथ एक वैकल्पिक विषय के रूप में हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन, आर्ट एजुकेशन भी ले सकते हैं। गणित, विज्ञान और सोशल साइंस के साथ अगर कोई विद्यार्थी चाहे तो छठे विषय के रूप में गृह विज्ञान या कंप्यूटर साइंस ले सकता है।

छठे विषय में विकल्प का फायदा

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 के अनुसार, बोर्ड ने यह सिलेबस तैयार किया है। इसका मकसद स्टूडेंट्सं को इंजीनियरिंग, मेडिकल, कॉमर्स के अतिरिक्त दूसरे क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार के प्रति जागरूक करना है, जो स्टूडेंट छठे विषय की पढ़ाई करते हैं, वे अगर मुख्य विषय में से किसी एक में फेल होते हैं तो छठे विषय से मुख्य विषय को रिप्लेस कर सकेंगे।