रांची: रांची जिला सुरक्षा कर्मचारी संघ के सदस्यों ने बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की गाड़ी रोक दी और उनके आवास का घेराव किया। वे दोबारा बहाली की मांग कर रहे थे। मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।

2019 में हटाया गया था

रांची के सदर हॉस्पिटल, सीएचसी और पीएचसी में कार्यरत 155 सुरक्षाकर्मियों को पिछले 1 मार्च 2019 को काम से हटा दिया गया था। सभी सुरक्षाकर्मी प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से मामूली मानदेय 3500-6400 रुपए में अपनी सेवा दे रहे थे। तत्कालीन सरकार ने इन्हें हटाकर होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी पर लगा दिया था। पूर्वर्ती सरकार के मुख्यमंत्री रघुवर दास और स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से कई बार गुहार लगाने के बावजूद सुरक्षाकर्मियों को वापस नौकरी नहीं मिली। गठबंधन की सरकार बनने के बाद सुरक्षा कर्मचारी संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से भी वापस नौकरी देने की मांग की थी। बावजूद इसके अब तक इन्हें बहाल नहीं किया गया।

मंत्री के आवास के समक्ष धरना

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास के समक्ष 155 सुरक्षाकर्मियों ने धरना दिया। इस दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता ने सुरक्षाकर्मियों की एक भी बात नहीं सुनी। इससे नाराज सुरक्षाकर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की गाड़ी रोक दी। सुरक्षा में तैनात जवानों के समझाने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने मंत्री बन्ना गुप्ता को जाने दिया।

कई बार रखी मांग

इंटक महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष निशा भगत ने कहा कि हम लोग पिछली सरकार से लेकर वर्तमान सरकार तक वापस नौकरी देने की गुहार लगा चुके हैं। सभी सुरक्षाकर्मी तीन माह से मांग कर रहे हैं, लेकिन सिर्फ इन्हें आश्वासन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री का कहना था कि पूर्व के स्वास्थ्य सचिव मेरी बातों को नहीं सुन रहे हैं, लेकिन अब स्वास्थ्य सचिव भी बदल गए हैं। हमारे सामने भी बात हुई, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री 155 सुरक्षाकर्मियों की जायज मांग पर विचार नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस नेत्री निशा भगत ने कहा कि मैं अपनी पार्टी के नेता और मंत्री से पूछना चाहती हूं कि जब हमने और जनता ने वोट दिया तब इन गरीबों को क्यों हटाया गया। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में रहूं या न रहूं लेकिन गरीबों की आवाज उठाती रहूंगी।

तीन कर्मी कर चुके हैं आत्महत्या

रांची जिला सुरक्षा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोबिन अंसारी ने कहा कि 155 सुरक्षाकर्मी मंत्री से आग्रह करने आए थे, लेकिन मंत्री के पास 1 मिनट का वक्त भी नहीं था कि वह हमारी समस्या को सुन सकें। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के कारण तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली है। पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि मांगों पर विचार करते हुए पुन: बहाल किया जाएगा, लेकिन आज तो हमारी बातों को भी नहीं सुना गया। सुरक्षाकर्मियों के छोटे-छोटे बच्चे हैं जो भूखे रहने को मजबूर हैं। यदि हमें बहाल नहीं किया जाता है तो भूख हड़ताल करेंगे।