- केंद्र सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की झारखंड में होगी शुरुआत

--5900 छोटे उद्योग लगाने की है तैयारी

--10 लाख रुपए तक मिलेगी सब्सिडी

--60 परसेंट होगी केंद्र की हिस्सेदारी

--15 उत्पादों के लिए लागू की गई योजना

--250 छोटे उद्योग हर जिले में लगाए जाएंगे

--110 करोड़ रुपए खर्च करेगी राज्य सरकार

झारखंड में छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित कर ना सिर्फ उद्योगों का जाल बिछाया जाएगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार के साधन भी तैयार होंगे। ऐसे में निवेश करने के इच्छुक लोगों को भी दस लाख रुपये तक अनुदान मिलेगा और राज्य में ऐसे उद्योगों की संख्या 5900 तक हो सकती है। इस प्रकार हर जिले में औसतन 250 छोटे उद्यमियों की मदद की जा सकेगी। निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार 110 करोड़ रुपये भी खर्च करेगी और इसके लिए कैबिनेट में शीघ्र ही प्रस्ताव आएगा। माना जा रहा है कि अगली कैबिनेट में इससे संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) की झारखंड में शुरुआत करने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वीकृति प्रदान कर दी है। केंद्र 60:40 के अनुपात में पूरी परियोजना पर निवेश भी करेगा। इस परियोजना के तहत झारखंड के कुल 15 उत्पादों का चयन किया गया है।

स्वयं सहायता समूह भी

पूर्व में ही वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के तहत झारखंड में 15 उत्पादों का चयन कर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय को भेजा जा चुका है। इन उत्पादों से संबंधित उद्योगों को लगाने पर केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने 165 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है और पांच वर्षों में धीरे-धीरे यह राशि उद्योग लगानेवालों को दी जाएगी। सब्सिडी की राशि निजी निवेशकों अथवा स्वयं सहायता समूहों को दी जा सकती है जो कि कुल लागत के हिसाब से 35 प्रतिशत के करीब होगी। जिलों में चयनित उत्पादों के लिए स्वयं सहायता समूहों को भी बढ़ावा देने की केंद्र की योजना है।

स्वीकृत है प्रस्ताव

छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के साथ आत्मनिर्भर भारत के तहत इस महत्वाकांक्षी योजना के संचालन के प्रस्ताव को योजना प्राधिकृत समिति ने पहले ही स्वीकृति प्रदान कर दी है। विकास आयुक्त की अध्यक्षता में समिति ने पहले ही इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। इसके बाद बजट का प्रबंध करने और अन्य कारणों से यह परियोजना कैबिनेट के माध्यम से झारखंड में लागू की जाएगी।

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इन प्रोड्क्ट्स का सेलेक्शन

पेड़ा : देवघर-दुमका

कटहल : बोकारो

टमाटर : चतरा, पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह, पलामू

आलू : धनबाद, गढ़वा

आम : गोड्डा, पाकुड़, साहेबगंज, सिमडेगा

हरी मिर्च : गुमला, जामताड़ा

गुड़ : हजारीबाग

इमली : खूंटी

नींबू : कोडरमा

महुआ : लातेहार

मधु : लोहरदगा

पपीता : रामगढ़

अमरूद : रांची

चिरौंजी : सरायकेला खरसावां

कस्टर्ड एप्पल : पश्चिम सिंहभूम

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