रांची(ब्यूरो)। कम से कम दिन में तो जाग के रहे पुलिस! रांची पुलिस अपनी मॉडसअपरेंडी में सुधार लाए। सख्ती के साथ पेट्रोलिंग करनी चाहिए। रांची पुलिस को लापरवाही से बाज आना ही चाहिए। पहले पुलिस रात को ही सोती थी, लेकिन अब तो दिन में भी सोई रहती है। यह कहना है सिटी के यूथ का। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का अभियान 'और कितना क्राइमÓ पिछले एक सप्ताह से चल रहा है। हर दिन सिटी में बढ़ते क्राइम को लेकर खबरें प्रकाशित कर पुलिस और सिटी के लोगों का ध्यान आकर्षित किया गया। आखिरी दिन डीजे आईनेक्स्ट की ओर से परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने खुलकर अपने विचार रखे।
सख्ती से पेश आए पुलिस
शहर मेें चोरी, छिनतई और लूट लगातार हो रही हैं। इसमें पुलिस को ज्यादा सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है। पुलिस अपना कर्तव्य ईमानदारी से नहीं निभा रही है। वहीं अपराधी कांड को लगातार अंजाम दे रहे हैं। हर दिन किसी न किसी इलाके में अपराध हो रहा है। चोरी-छिनतई के अलावा फायरिंग तो हो रही है, लेकिन पुलिस सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
-अभिषेक

पुलिस पर भारी अपराधी
पहले तो पुलिस लोगों को सुरक्षा उपलब्ध नहीं करा पाती, उसके बाद पीडि़त व्यक्ति को न्याय भी नहीं दिला पाती है। जिनके साथ घटना होती है, थाना का चक्कर लगाते-लगाते उनके पैर के चप्पल घिस जाते हैं। न चोरी हुआ सामान वापस मिलता है और न ही अपराधियों को पुलिस पकड़ पाती है। इधर कुछ दिनों से अपराधी पुलिस पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। इसी महीने कई घटनाएं सुनने को मिल गईं, लेकिन पुलिस ने अब तक क्या किया यह भी सभी जान रहे हैं।
-मधुकर आनंद

सुरक्षा के नाम पर करोड़ों खर्च
सिटी में सुरक्षा के नाम पर हर महीने लाखों-करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे हैं। थाना पुलिस का खर्चा, पेट्रोलिंग के लिए गाड़ी और फ्यूल का खर्चा, पुलिस कर्मियों को वेतन इसके अलावा भी कई खर्चे हैं जो हर महीने सिर्फ इसलिए किए जाते हैं ताकि आम पब्लिक सुरक्षित रहे, और चैन से सांस ले सकें। लेकिन करोड़ों खर्च के बाद भी लोगों को पुलिस सुरक्षा नहीं दे पा रही है। कहीं भी कोई सेफ नहीं है। कहीं चेन या मोबाइल की छिनतई हो जाती है, कहीं चोरी तो कहीं लूटपाट हो जा रहा है।
-आकाश

सैकड़ों सीसीटीवी किस काम के?
सुरक्षा और अपराधियों पर नजर रखने के लिए शहर में करीब सात सौ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसमें भी विभाग के लाखों रुपए खर्च किए गए हैं। इन कैमरों के मेनटेनेंस पर भी हर महीने लाखों खर्च होते हैं, लेकिन इसका कोई फायदा पुलिस नहीं उठा पा रही है। अपराधी अपराध कर बड़े आराम से फरार हो जाते हैं। इनका चेहरा भी कैमरा में कैद नहीं होता, यदि गलती से हो भी गया तो इसकी क्वालिटी इतनी ज्यादा खराब है कि अपराधियों को पहचानना भी मुश्किल है। क्राइम के बाद पुलिस प्राइवेट लोगों द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगालती है, क्योंकि उसे भी पता है कि उनका कैमरा किसी काम का नहीं।
- अरुण

क्यों नहीं होती पेट्रोलिंग?
पुलिस का दायित्व है कि वह समय-समय पर पेट्रोलिंग करती रहे। सेंसेटिव इलाकों में ज्यादा कड़ाई से पेट्रोलिंग होनी चाहिए। रात में भी पुलिस को सभी गली में गश्ती जरूर करनी चाहिए। लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है, रात तो दूर की बात पुलिस दिन के उजाले मेें भी नजर नहीं आती है। थाने में भी कुछ पुलिस कर्मी सिर्फ अपना समय काट रहे होते हैं। न तो कहीं पीसीआर नजर आता है न मोबाइल पुलिस। आलम तो यह है कि थाने में आवेदन लेने में भी पुलिस घंटो वक्त बर्बाद करती है।
- प्राची

पुलिस को अपग्रेड करें
पब्लिक को सुरक्षा देने में भले पुलिस का मन न लगे, लेकिन हेलमेट चेकिंग में पुलिस का पूरा इंटरेस्ट रहता है। गर्मी की तपीश के बीच भी पुलिस विदाउट हेलमेट ट्रेवल करने वालों को जरूर पकड़ लेती है। आम लोगों को सुरक्षा देना पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए। सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराने में मुख्यालय भी दोषी है। थाना स्तर पर पुलिसिंग की समीक्षा होनी चाहिए। पुलिस बलों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। इन्हें अपग्रेड किया करते हुए संसाधन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। पुलिस पेट्रोलिंग भी बहुत जरूरी है।
- शिवानी

अपराधियों में पुलिस का खौफ नहीं
अपराधियों मेें अब पुलिस का कोई खौफ रहा ही नहीं। पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारी क्राइम की समीक्षा बैठक करते हैं उसी समय दूसरी तरफ लूटकांड जैसी बड़ी वारदात को अपराधी अंजाम दे रहे होते हैं। पंडरा ओपी स्थित न्यू पंचवटी ज्वेलर्स में अपराधियों ने 50 लाख से भी ज्यादा के जेवरात लूट लिये। इसी दिन सीनियर एसपी सिटी में बढ़ रहे क्राइम की समीक्षा और क्राइम कंट्रोल को लेकर मीटिंग कर रहे थे। लेकिन अपराधियों ने बड़ी लूट को अंजाम देकर पुलिस को ही चुनौती दे डाली। घटना को चार दिन बीत चुके हैं अबतक पुलिस अपराधियों को पकडऩा तो दूर पता तक नहीं लगा पाई है।

सभी थाना प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई है। सीएम खुद भी इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। मैन पॉवर और संसाधनों की कमी से भी सुरक्षा पर असर पड़ रहा है, जिसे देखते हुए इस पर सकारात्मक निर्णय लिया गया है। जल्द ही जिला पुलिस की बहाली होगी। सभी एसआई को पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
-चंदन सिन्हा, सीनियर एसपी, रांची