रांची (ब्यूरो): मुख्य वक्ता इंडियन सोसाइटीज ऑफ गांधीयन स्टडीज के सेक्रेटरी प्रो सुधीर चंद्र जेना ने &गांधीयन इकोनॉमी : अल्टरनेटिव टुडे&य पर व्याख्यान देते हुए कहा कि अगर देश को और मानव समाज को हमें एक सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाना है तो एक सस्टेनेबल विकास की राह पर चलना होगा और सस्टेनेबल विकास का पथ गांधी दर्शन के बिना अधूरा है। उन्होंने नॉर्वे का उदाहरण देते हुए कहा कि नॉर्वे गांधी दर्शन के साथ आगे बढ़ाते हुए ह्यूमन हैप्पी इंडेक्स में सर्वोत्तम देश हो सकता है तो भारत क्यों नहीं। उन्होंने छात्रों से आहïान करते हुए कि अगर हमें ग्रेट इंडिया में प्रवेश करना है तो गांधी को पढऩा, समझाना होगा और उस मार्ग पर चलना होगा।

अगस्त क्रांति का जिक्र

दूसरे वक्ता भूतपूर्व आईएफएस अधिकारी एवं अभिनव ग्राम संस्थापक राम प्रताप सिंह ने कहा कि आज के युवाओं को गांधी दर्शन अर्थात सच, सादगी और दृढ़ संकल्प का मार्ग अपनाना होगा। उन्होंने अगस्त क्रांति पर भी प्रकाश डाला और उस समय उनके गांव व पटना में घटित कुछ प्रेरणादायी घटनाओं का जिक्र किया। छात्रों से आहïान करते हुए कहा कि अगर गांधी दर्शन के साथ देश को आगे ले जाना है तो गांधी दर्शन को अपनाते हुए आगे बढऩा होगा।

गांधी दर्शन की जरूरत

सीयूजे के वीसी प्रो। क्षिति भूषण दास ने कहा कि 100 साल बाद भी देश को गांधी दर्शन की जरूरत होगी और आज भी उसका महत्व बना हुआ है। हमें एक नए युग में प्रवेश करने से पहले गांधी दर्शन को एक नए परिप्रेक्ष में देखना होगा और फिर गांधी दर्शन के साथ एक ग्रेट इंडिया बनने की राह पर बढऩा होगा। प्रो मनोज कुमार, प्रो रत्नेश ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में सीयूजे के शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी समेत स्टूडेंट्स मौजूद थे।