रांची (ब्यूरो)। सिटी के बड़ा तालाब में स्वामी विवेकानंद पार्क निर्माण पूरा भी नहीं हुआ और 17 करोड़ रुपए खर्च हो गए। जी हां, 12 दिसंबर 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बड़ा तालाब पर 33 फीट ऊंची स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया था। इस प्रोजेक्ट पर 17 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जिसका मकसद राजधानी के बीच एक ऐसा खूबसूरत जगह डेवलप करना था, जहां शहर के लोग पहुंचें और कुछ समय बिता सकें। लेकिन 3 साल बाद आज भी शहर के लोग इस प्रतिमा को सड़क से गुजरते हुए सिर्फ निहार पाते हैं, क्योंकि प्रतिमा तो बना दी गई लेकिन वहां की देखरेख की व्यवस्था नहीं की गई।

बह रहा ड्रेनेज

स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित तो हो गयी, लेकिन बड़ा तालाब के उत्तरी छोर से अब भी ड्रेनेज का गंदा पानी तालाब में गिर रहा है। बड़ा तालाब के आसपास दो ड्रेनेज हैं, जहां का गंदा पानी बड़ा तालाब में ही आकर गिरता है। गंदगी का अंबार है। जलकुंभी भी तैरता दिख रहा है। यही स्थिति तालाब के पूर्वी और उत्तरी छोर की भी है। शौचालय के पास अब भी पूजा की सामग्री तालाब में बिखरी पड़ी है।

33 फीट ऊंची स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा

तालाब के बीच टापू पर स्वामी विवेकानंद की कांस्य की जो प्रतिमा लगायी गयी है, उसका वजन 9.8 टन है। इसे नोएडा की राम सुतार आर्ट क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने बनाया है, जो पद्मभूषण मूर्तिकार राम वी। सुतार की है। दूसरे फेज में 7.29 करोड़ रुपए ब्युटिफिकेशन पर खर्च किए जाने हैं।

दूर से करते हैं प्रतिमा का दीदार

उससमय मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 100 दिनों के भीतर इस सरोवर और प्रतिमा को आम लोगों के लिए खोल दिए जाने की घोषणा की थी। आज तीन साल बीत चुके हैं पर अब तक तालाब के ब्यूटीफिकेशन का काम पूरा नहीं हो पाया है। तालाब के बीच स्थित स्वामीजी की प्रतिमा का दीदार लोग दूर से ही कर रहे हैं।

तालाब में जललकुंभी

विभाग के अधिकारियों के अनुसार, विवेकानंद की आदमकद मूर्ति के चारों ओर विद्युत साज-सज्जा की तैयारी थी। हालांकि, अब तक यह काम पूरा नहीं हुआ। इतना ही नहीं, बड़ा तालाब के सुंदरीकरण व जीर्णोद्धार का काम पिछले ढाई वर्षो से कराया जा रहा है। समयावधि पूरी होने के बाद भी बड़ा तालाब का स्वरूप नहीं बदला। तालाब जलकुंभी से भरा पड़ा है। साथ ही, तालाब के चारों ओर एलिवेटेड पाथ-वे बनाने का काम भी अधूरा पड़ा है।

अधूरा रह गया काम

बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण का काम आज तक अधूरा पड़ा है। केवल तालाब के चारों ओर पाथ-वे बनाने के नाम पर ही 10 करोड़ रुपये फूंक दिये गये। इसके लिए तालाब में बड़े-बड़े पिलर तक गाड़े गये। लेकिन काम को अधूरा करके छोड़ दिया गया। सभी पिलर आज भी तालाब में यूं ही पड़े हुए हैं। तालाब के चारो तरफ कंक्रीट का पाथवे बनाने का असर यह हुआ है कि तालाब में बरसात का पानी आना दूभर हो गया। इससे तालाब के जलस्तर पर भी बुरा असर पड़ा है।

20 फीट चौड़ा पुल

बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए उसके बीचोंबीच विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा लगायी गयी है। यह प्रतिमा करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से बनी है। विवेकानंद प्रतिमा तक पहुंचने के लिए 20 फीट चौड़ा पुल भी बनाया गया। वहीं, सौंदर्यीकरण के लिए तालाब के चारों और रोड-नाले बनाने की पहल हुई। इसपर करीब 4 करोड़ रुपये खर्च कर दिये गये। हालांकि, रोड व नाला का निर्माण पूरा हुआ, लेकिन सौंदर्यीकरण का काम अधूरा ही रह गया। यानी कुल मिलाकर 17 करोड़ रुपये अभी तक सौंदर्यीकरण के नाम पर खर्च कर दिये गये हैं।

सीएम भी जता चुके हैं चिंता

पिछले साल 12 जनवरी को विवेकानंदजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी तालाब की स्थिति को देखकर नाराजगी जतायी थी। वे सौंदर्यीकरण कार्य को देख काफी नाराज हुए थे। सीएम ने पूछा था कि तालाब बड़ा था, कैसे सिकुड़ गया। इसपर सीएम को बताया गया कि पाथ वे का काम हो रहा था, उसका मैटेरियल रखे जाने से छोटा लग रहा है। हेमंत ने कहा था कि इतनी बड़ी प्रतिमा लगाने के बाद भी न तो तालाब का पानी साफ है और न ही सफाई की व्यवस्था। ऐसे में इतने बड़े प्रोजेक्ट का क्या फायदा।

सेकंड फेज मे 7.29 करोड़ का टेंडर

2021 जनवरी माह में भी बड़ा तालाब के दूसरे फेज के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए टेंडर जारी किया गया था। इसमें 7.29 करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण का काम किया जाना है। दूसरे फेज का काम का 9 माह तय था। दूसरे फेज में तालाब के सेवा सदन अस्पताल के सामने वाले हिस्से के सौंदर्यीकरण की बात थी। इसमें इस क्षेत्र में दुकान, कैफेटेरिया, ओपेन एयर थियेटर, योगा बिल्डिंग, बायो टॉयलेट, प्ले जोन व रंग-बिरंगी लाइट, चार पहिया और दो पहिया वाहनों के लिए पार्किंग स्पॉट आदि बनाने की बात थी।

बड़ा तालाब में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा बनाई गई है, यहां शहर के लोग पहुंचेंगे। इसके पहले पूरे एरिया का ब्यूटीफिकेशन हो रहा है। ब्यूटीफिकेशन का काम पूरा होने के बाद शहर के लोगों को स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का दीदार नजदीक से करने का मौका मिलेगा।

-कुंवरसिंह पाहन, डीएमसी, रांची नगर निगम