रांची(ब्यूरो)। कचहरी रोड स्थित जर्जर तीन मंजिली आरआईटी बिल्डिंग में जान जोखिम में डालकर दुकानदार व्यवसाय कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। अक्सर छत टूटकर गिरता रहता है। बरसात के मौसम में पानी टपकता रहता है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। आरआरडीए बिल्डिंग की मरम्मत को लेकर गंभीर नहीं है।
खंडहर बनी बिल्डिंग
आरआईटी बिल्डिंग की हर मंजिल पर 15 दुकानें हैं। निचले तले पर कृषि से संबंधित दुकानें चल रही हैं। दूसरे और तीसरे तले में बंद पड़ी दुकानें खंडहर के रूप में तब्दील होती जा रही हैं। लेकिन पिछले बीस सालों से न इसका रंग-रोगन हुआ, न कोई मरम्मत। बिल्डिंग में गंदगी का अंबार है। यही नहीं, ऊपर से शौचालय की गंदगी इमारत के पश्चिमी छोर पर गिरती है और पूरा इलाका बदबू से परेशान है।
सालाना 8 लाख वसूली
बता दें कि यहां सभी दुकानें आरआरडीए के अधीन हैं। सालाना 8 लाख से ज्यादा की वसूली होती है। लेकिन मरम्मत के नाम पर एक रुपया भी आरआरडीए खर्चा नहीं करना चाहता है। भगवान भरोसे सभी दुकानें चल रही हैं। कभी भी कुछ भी हो सकता है।
डर के साये में दुकानदार
दुकानदारों ने अपने प्रयास से लाइट की व्यवस्था की है। कई बार आवेदन दिया, लेकिन आज तक यहां की सूरत नहीं बदली। आरआईटी बिल्डिंग की दिन पर दिन स्थिति जर्जर होती जा रही है। डर के साये में दुकानदार रहते हैं।
आरआरडीए ने हटाने का दिया आदेश
आरआरडीए ने दिसंबर में एक पत्र जारी कर कहा था कि आरआईटी भवन जर्जर हो गया है। कभी भी दुर्घटना हो सकती है। इसलिए इस भवन में स्थित सभी दुकानों को 15 दिनों में खाली कर दिया जाए।
हाईकोर्ट ने लगाई रोक
हाई कोर्ट ने आरआईटी बिल्डिंग को खाली करने के आरआरडीए के आदेश पर रोक लगा दी है। आरआरडीए के आदेश को आरआईटी बिल्डिंग के दुकानदारों ने चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इसी याचिका दायर पर झारखंड हाई कोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी।
क्या कहते हैं दुकानदार
1978 से इसी बिल्डिंग में किसान फॉर्म हाउस की दुकान में काम करता हूं। आरआरडीए ने पिछले महीने सभी दुकानें खाली करने का आदेश दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। सरकार वेजिटेबल मार्केट बना रही है, उसी के बगल में हमारी दुकान भी बना दे, ताकि लोगों की रोजी-रोटी चलती रहे।
-एके द्विवेदी

निचली मंजिल पर किसान के टूलकिट की दुकान है। ऊपर से कभी-कभी टूट कर छत गिरता है। मन में हमेशा डर बना रहता है कि कहीं कुछ अनहोनी ना हो जाए।
-उपेन्द्र कुमार

ऑनलाइन की दुकान आरआईटी बिल्डिंग में है। दुकान की छत से पानी टपकता है। हम लोग गरीब आदमी कहां जाएं।
-विजय साहू