रांची: कोरोना इन्फेक्शन का ग्राफ हर दिन तेज रफ्तार से हर बढ़ रहा है। मेडिसीन, बेड, ऑक्सीजन समेत अन्य सामानों की शॉर्टेज होने लगी है। कई लोग मौके फायदा उठाकर इन सामानों की ब्लैक मार्केटिंग भी करने लगे हैं। ऐसे में जहां अब हर सेक्टर के लोग सरकार से शहर में दस दिनों का लॉकडाउन लगाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने खुद ही अपनी दुकानों को एक हफ्ते के लिए बंद करने का निर्णय ले लिया है। सोमवार को रांची में सैकड़ों लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। यहां तक की अटल स्मृति वेंडर मार्केट के दुकानदारों ने भी सेल्फ लॉकडाउन कर दूसरे लोगों को मैसेज दिया है। वेंडर कमिटी के सदस्य नागेंद्र पांडेय ने बताया कि जिस रफ्तार से कोरोना बढ़ता जा रहा है, उससे हर दुकानदार सहमा हुआ है। सोमवार को कोर्ट, सचिवालय, शास्त्री मार्केट, अटल वेंडर मार्केट समेत अन्य कुछ स्थानों के दुकान और ऑफिस बंद रहे।

स्पॉट 1: अटल स्मृति वेंडर मार्केट

टाइम : 12:10 बजे

अटल स्मृति वेंडर मार्केट सुबह से ही बंद रहा। यहां की एक भी दुकान नहीं खुली है। 26 अप्रैल तक के लिए दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है। मार्केट का मेन गेट बंद कर यहां एक बैनर भी लगा दिया गया है, जिसमें दुकानों के बंद रहने की सूचना है।

स्पॉट 2: शास्त्री मार्केट

टाइम : 12:50 बजे

शास्त्री मार्केट के दुकानदारों ने भी सोमवार को अपनी दुकानें बंद रखीं। शास्त्री मार्केट के दुकानदारों ने एक दिन पहले ही बैठक कर दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया था। सचिव रंजीत गुप्ता ने बताया कि सभी दुकानदारों के साथ बैठक कर सेल्फ लॉकडाउन करने पर सहमति बनी। 25 अप्रैल तक दुकानें बंद रहेंगी।

स्पॉट 3: रातू रोड

टाइम: 01:30 बजे

रातू रोड में भी कुछ दुकानें बंद रहीं। हालांकि यहां सामूहिक रूप से दुकानें बंद करने की घोषण नहीं की गई हैं। हर व्यक्ति अपने विवेक से फैसला कर रहा है। रातू रोड के एक दुकानदार ने बताया कि सरकार को कम से कम 15 दिन का लॉकडाउन घोषित कर देना चाहिए। जब लोग ही नहीं रहेंगे तो अर्थव्यवस्था का क्या होगा।

सड़कें सूनसान, गलियां वीरान

अब तक सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा नहीं की है लेकिन शहर में कुछ स्थानों पर लॉकडाउन जैसे हालत नजर आने लगे हैं। मेन रोड, रातू रोड, कांके रोड, हरमू, बरियातू समेत अन्य कई इलाकों में सड़के वीरान हैं तो गलियां भी सूनसान पड़ी हुई हैं। महामारी को लेकर हर व्यक्ति डरा हुआ है। रांची की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने लोगों की नींद उड़ा कर रख दी है। ऐसे में अब लोग खुद ही अपना बवाव करना शुरू कर दिए हैं। लेकिन अब भी कई इलाके हैं जहां सख्त कार्रवाई की जरूरत है। पंडरा कृषि बाजार, खादगढ़ा सब्जी बाजार, अपर बाजार, नागा बाबा खटाल, नामकुम बाजार जैसे कुछ इलाके हैं, जहां लापरवाही अब भी देखी जा रही है। यहां सरकार के कडे़ नियमों के बाद ही लोगों में सुधार आएगा। बहरहाल सोमवार को सेल्फ लॉकडाउन को लेकर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी बैठक बुलाई, जिसमें पांच दिनों के लिए सेल्फ लॉकडाउन करने का फैसला लिया गया।

लॉकडाउन की होने लगी डिमांड

राष्ट्र निर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने लॉकडाउन की मांग को लेकर पदयात्रा की। पिस्का मोड़ से मोरहाबादी तक अलग-अलग लोगों ने पैदल मार्च किया और सरकार से लॉकडाउन करने की मांग की। साथ ही आम नागरिकों से भी सेल्फ लॉकडाउन करने का आग्रह किया। अध्यक्ष अमृतेश पाठक ने कहा कि नेताओं और राजनीतिक दलों ने सिर्फ चुनाव और सत्ता के लोभ में सामूहिक नरसंहार जैसा कुकृत्य किया है। बड़ी संख्या में रैली, सभा और रोड शो में बुलाकर आम लोगों को संक्रमण में धकेल दिया। इधर, झारखंड सरकार और केन्द्र सरकार एक दूसरे की कमी निकालने में ही व्यस्त हैं तो उधर पूरा सिस्टम ध्वस्त होने के कगार पर है। स्थिति दिनोंदिन बद से बदतर और नियंत्रण के बाहर होती जा रही है। अमृतेश ने कहा कि कम से कम 21 दिनों के सम्पूर्ण लाकडाउन की जरूरत है, ताकि संक्रमण के चेन को तोडा़ जा सके और स्थिति को नियंत्रण में किया जा सके।