- राज्य भर में 5000 से अधिक ऑक्सीजन की सुविधा वाले बेड उपलब्ध

- इसे बढ़ाकर 7000 से अधिक करने की चल रही है तैयारी

- 1108 निजी हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन बेड की संख्या है

- 1400 बेड करने की तैयारी कर रहा है प्रशासन

राजधानी में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के कारण लोगों को हॉस्पिटल में जगह नहीं मिल पा रही है। हर हॉस्पिटल में बेड फुल है। इसे देखते हुए रांची सहित राज्य भर में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। राज्य भर 5000 से अधिक ऑक्सीजन की सुविधा वाले बेड उपलब्ध हैं। इसे बढ़ाकर 7000 से अधिक करने की तैयारी चल रही है। रांची के निजी हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन बेड की संख्या 1108 के करीब है। इसे बढ़ाकर 1400 बेड करने की तैयारी की जा रही है।

बिना ऑक्सीजन वाले 11500 बेड

राज्य भर के हॉस्पिटल्स में बिना ऑक्सीजन वाले बेड अभी भी काफी संख्या में हैं। सरकारी और निजी हॉस्पिटल्स को मिलाकर राज्य भर में लगभग 11500 बिना ऑक्सीजन वाले बेड हैं। लेकिन कोविड-19 संक्रमण में उनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं रहने के कारण लोग हॉस्पिटल के बजाय होम आइसोलेशन में ही रहना अधिक पसंद कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 20,000 से अधिक संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। करीब 13000 लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।

रांची में 600 बेड बढ़ेंगे

वर्तमान में राजधानी में जितने बेड उपलब्ध हैं, उनमें से 600 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसमें 300 से अधिक बेड प्राइवेट हॉस्पिटल्स में बढ़ाए जा रहे हैं। इसके अलावा सदर हॉस्पिटल और रिम्स में भी ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड बढ़ाए जा रहे हैं। इस तरह रांची में सरकारी और प्राइवेट कुल मिलाकर 600 से अधिक बेड की व्यवस्था होने जा रही है।

रांची के इन हॉस्पिटल्स में चल रहा इलाज

मेडिका, अंजुमन इस्लामिया हॉस्पिटल, मेदांता हॉस्पिटल, आलम नर्सिंग होम, सैमफोर्ड हॉस्पिटल, हेल्थ प्वाइंट, राज हॉस्पिटल, गुरुनानक हॉस्पिटल, ऑर्किड हॉस्पिटल, सेवा सदन, सेंटेविटा, पल्स, रानी हॉस्पिटल, मां रामप्यारी हॉस्पिटल, रिंची ट्रस्ट हॉस्पिटल, सेवेंथ पाम हॉस्पिटल, एसक्लेपियस हॉस्पिटल, पारस हॉस्पिटल, देवकल हॉस्पिटल, गुलमोहर हॉस्पिटल।

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वर्तमान में सबसे अधिक ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की जरूरत है। अभी बिना ऑक्सीजन वाले बेड का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। राज्य में ऑक्सीजन वाले बेड की संख्या बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।

अमित कुमार, राज्य स्तरीय नोडल पदाधिकारी