रांची(ब्यूरो)। रांची में शनिवार को हटिया और रांची रेलवे स्टेशन पर मिले कोरोना के 65 पॉजिटिव मरीजों में से 60 मरीजों को जिला प्रशासन के अधिकारी दिन भर ढूंढते रहे, पॉजिटिव लोगों का मोबाइल हीं बंद मिला। अब प्रशासन को डर सता रहा है कि पॉजिटिव मरीज कहीं दूसरे लोगों में संक्रमण न फैला दें। बहुत सारे लोगों ने जो मोबाइल नंबर दिया है, वह भी गलत है।

यहां एडमिट किए गए संक्रमित

जिन 65 लोगों का टेस्ट पॉजिटिव आया है, उनमें से सिर्फ पांच लोगों को ही। एडमिट कराया गया है। इनमें मेडिका, सदर अस्पताल और रिम्स में इन लोगों को एडमिट कराया गया है। जिला प्रशासन के अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दिन भर शेष 60 लोगों को खोजते रहे, लेकिन इनका कोई अता-पता नहीं मिला।

रेलवे स्टेशन पर की धक्का-मुक्की

रेलवे स्टेशन पर एक साथ अधिक कोरोना के मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन भी सख्त हो गया है। टेस्टिंग बढ़ा दी गई है। रविवार को भी दोनों रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से आने वाले लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया। हटिया स्टेशन पर तो लोगों ने टेस्ट करने वाले लोगों के साथ ही धक्का-मुक्की कर दी। कई यात्री बिना टेस्ट कराए ही बाहर निकलने की फिराक में लगे रहे। हालांकि, प्रशासन की टीम वहां पहले से मौजूद थी।

किसी संक्रमित को रोका नहीं गया

शनिवार को रांची और हटिया स्टेशनों पर ट्रेनों के यात्रियों की जांच में 65 लोग संक्रमित पाए गए थे। टेस्ट करने के बाद इन सभी लोगों को उनके घर जाने दे दिया गया, जिसका फायदा लोगों ने उठाया है। इनमें 55 हटिया स्टेशन पर हुई जांच में संक्रमित मिले, जबकि 10 रांची स्टेशन पर हुई जांच में पॉजिटिव मिले। ये यात्री पुरी-हटिया तपस्विनी एक्सप्रेस, जम्मूतवी-हटिया संबलपुर एक्सप्रेस और राउरकेला-हटिया पैसेंजर ट्रेन से पहुंचे थे। तीनों ट्रेनों से कुल 1508 यात्री पहुंचे। इनमें 704 की एंटीजेन और 754 की आरटीपीसीआर जांच की गयी थी।

मैसेज मिलते ही मोबाइल ऑफ

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार को जिन लोगों का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था, उनके मोबाइल नंबर भी लिये गये था। कल शाम को ही सभी लोगों को मैसेज करके उनकी रिपोर्ट की जानकारी दी गई, उसके बाद से अधिकतर लोगों का मोबाइल भी बंद हो गया। कुछ लोगों का ऑन है, लेकिन कोई फोन नहीं उठा रहा है।

लोगों ने गलत नंबर दे दिया

रेलवे स्टेशन पर जो लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, उनकी पहचान मुश्किल होती जा रही है। वजह यह है कि कोविड टेस्ट कराने वाले लोग अपनी आइडेंटिटी छुपा रहे हैं। सबसे ज्यादा गलत नंबर देने के आ रहे हैं। इससे प्रशासन के लोगों को पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने या फिर इंस्टीट्यूशनलआइसोलेशन में रखने में संकटों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को पूरे दिन प्रशासन के लोग इसे लेकर परेशान रहे।

पता भी गलत लिखवाया

रांची में एक सप्ताह में ही 111 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैैं। इसके बाद जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम में जो नंबर दर्ज थे उन नंबरों पर फोन करना शुरू किया गया। इनमें से नौ मोबाइल नॉट रिचेबल मिले हैं और कुछ लोगों का नंबर ही गलत पाया गया। बहुत सारे लोगों ने मोबाइल नंबर के साथ ही अपना पता भी गलत दर्ज करा दिया है। नतीजा यह हो रहा है कि लोग ढूंढने से भी नहीं मिल पा रहे हैं। अब प्रशासन की परेशानी यह है कि जो पॉजिटिव लोग हैं, वह दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैैं।