रांची(ब्यूरो)। पिछले छह महीने से आरआरडीए में नक्शा पास करने के लिए पड़े हुए 400 आवेदन की स्वीकृति जल्द ही मिल जाएगी। रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) क्षेत्र में बनने वाले निजी घर का नक्शा अब टाउन प्लानर ही पास करेंगे। जबकि बहुमंजिला भवनों का नक्शा उपाध्यक्ष स्वीकृत करेंगे। नगर विकास विभाग ने छोटे भवन के नक्शों की स्वीकृति टाउन प्लानर के स्तर से करने की मंजूरी दे दी है। अगले सप्ताह तक सॉफ्टवेयर में बदलाव करने के बाद पिछले 6 महीने से पेंडिंग पड़े 400 से अधिक छोटे भवनों के नक्शे पास होना शुरू हो जाएगा।

50 हजार घरों का नहीं है नक्शा

रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के क्षेत्र में भी बिना नक्शे के मकान बने हुए हैं। आरआरडीए इलाके में लगभग 50 हजार मकान ऐसे हैं, जो बिना नक्शे के बनाए गए हैं। यह मकान ग्राम सभा की जमीन, आदिवासी जमीन या सरकारी जमीन पर बने हैं। इसी वजह से पिछली बार जब सरकार ने इमारतों को नियमित करने की योजना लागू की, तो इस इलाके में इमारतें नियमित नहीं हो सकी थीं। आरआरडीए ने बिना नक्शे के बने अवैध मकानों की एक सूची तैयार की है। इस सूची से ही बारी-बारी लोगों को नोटिस जारी किया जा रहा है।

रेगुलराइज करने का भी मिला है मौका

आरआरडीए क्षेत्र में नवंबर 2019 में सरकार द्वारा इमारतों को नियमित करने की जो नियमावली लागू की गई थी, उसके तहत लोग आरआरडीए में अपनी इमारतों को वैध कराने के लिए दौड़ रहे थे। लेकिन, यहां प्रक्रिया काफी जटिल थी। इसके अलावे बहुत सारे ऐसे लोगों ने भी इन इलाकों में घर बना लिया है, जिनके पास जमीन का कोई कागज नहीं है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन ही नहीं किया।

छह महीने से नहीं पास हो रहा है नक्शा

आरआरडीए में छोटे नक्शों को स्वीकृत करने का काम पिछले छह महीने से बंद है। 400 से अधिक छोटे नक्शों के आवेदन लंबित हैं। अगस्त में मुकेश कुमार ने सूडा को पत्र लिखकर छोटे नक्शों के निष्पादन के लिए बनाये गये नियमों में बदलाव की जरूरत बतायी थी, जिसे विभाग ने स्वीकार कर लिया है। अब टाउन प्लानर को नक्शा पास करने का अधिकार मिल गया है। नगर विकास विभाग की ओर से बड़े नक्शों का निपटारा आरआरडीए के उपाध्यक्ष और छोटे नक्शों का निपटारा टाउन प्लानर के स्तर से कराने की बात कही गई है।

तीन महीने में पास होना है नक्शा

राइट टू सर्विस एक्ट के तहत 90 दिनों में नक्शा पास करने का प्रावधान है। निर्धारित समय में नक्शा पास नहीं करने पर नक्शा स्वत: स्वीकृत माना जाएगा। उसके बाद नियमों के दायरे में रहते हुए निर्माण कार्य किया जा सकता है। हालांकि, स्वत: स्वीकृत माने गये नक्शों के आधार पर होनेवाले निर्माण के लिए बैंकों द्वारा लोन नहीं प्रदान किया जाता है।

अभी यह नियम है

वर्तमान में जो नियम है उसके अनुसार छोटे मकानों का भी नक्शा पास करने के लिए इंजीनियर से रिपोर्ट ली जाती है। बिल्डिंग बायलॉज में टाउन प्लानर का काम नक्शे की जांच करना है, उसके बाद आरआरडीए उपाध्यक्ष का काम नक्शा स्वीकृत करना है। लेकिन अब छोटे नक्शों को पास करने के लिए उपाध्यक्ष तक फाइल नहीं जाएगी, टाउन प्लानर ही नक्शा पास करेंगे।

आरआरडीए के उपाध्यक्ष द्वारा नक्शे का काम आसान करने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया था। इसके अनुसार बड़े नक्शों की मंजूरी उपाध्यक्ष देंगे और छोटे नक्शों का निष्पादन टाउन प्लानर द्वारा करने की बात कही गई थी। नगर निकास विभाग ने इस अनुशंसा को बायलॉज के अनुसार नक्शे की स्वीकृति के लिए इस नए नियम को मंजूर कर लिया है।

अमित कुमार, डायरेक्टर, सूडा