रांची (ब्यूरो)। रांची नगर निगम के अधिकारी बार-बार यह दावा करते हैं कि सारी तैयारी पूरी हो चुकी है। अब बस मीटर बदलने का काम शुरू होगा। लेकिन, यह शुरू नहीं हो पाता है। इस बारे में विभाग के अधिकारी भी अब सही-सही नहीं बता पा रहे हैं कि किस समय से मीटर बदलने का काम शुरू होगा। एक अधिकारी, दूसरे का नाम लेकर कहता है कि उनसे पूछिये, तो दूसरा किसी और का नाम लेता है। अंत तक कोई अफसर यह बता पाने में सक्षम नहीं हो पाता कि आखिर पेंच कहां फंसी है?

दो साल का लगेगा वक्त

जिस समय से स्मार्ट मीटर बदलने का काम शुरू हो जाएगा, उसके बाद से उसे पूरा करने में 2 साल का समय लगेगा। अधिकारियों का कहना है कि प्रीपेड मीटर लगाने का काम दो साल में पूरा कर लिया जाएगा। दो साल में शहर के सभी घरों, प्रतिष्ठानों और दुकानों में प्रीपेड मीटर होंगे। इससे उपभोक्ता को काफी आसानी हो जाएगी। वो जितने का रिचार्ज कराएगा, उतने की बिजली इस्तेमाल कर पाएगा। ठीक उसी तरह, जैसा आज मोबाइल इस्तेमाल होता है। ऐसे में उस पर कर्ज का बोझ नहीं चढ़ेगा। यही नहीं, बिजली विभाग को भी आसानी हो जाएगी। उसे बकाए की रकम वसूली के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि, तब विभाग का किसी पर बकाया ही नहीं होगा।

सुविधा अनुसार कराएंगे रिचार्ज

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिजली के उपभोक्ता अपने प्रीपेड मीटर को कम से कम 100 रुपए से रिचार्ज कर सकेंगे। इसके बाद वो चाहे जितनी रकम से रिचार्ज करें। उपभोक्ता जितनी ज्यादा रकम से रिचार्ज करेंगे उतनी ही ज्यादा उन्हें सहूलियत होगी। रिचार्ज करने के लिए विभाग वेबसाइट और ऐप का आप्शन देगा। इसके लिए भी विभाग टेंडर करेगा। टेंडर के बाद कंपनी का चुनाव होगा जो बिजली के बिल का रिचार्ज करने के लिए ऐप व वेबसाइट डिजाइन करेगी।

आता रहेगा मैसेज

बिजली मीटर रिचार्ज करने का मैसेज भी आता रहेगा। इस स्मार्ट मीटर की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि जिस तरह से मोबाइल में रिचार्ज होने से पहले रिचार्ज करने के लिए मैसेज आता रहता है, उसी तरह से बिजली बिल का रिचार्ज करने का मैसेज भी आएगा। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रीपेड मीटर का एक मुख्य सर्वर होगा। इस सर्वर से उपभोक्ता के मोबाइल नंबर को जोड़ा जाएगा। इसका फायदा उपभोक्ता को यह होगा कि जब उसके प्रीपेड मीटर में रिचार्ज कम हो जाएगा तो इसका मैसेज उसके पास जाने लगेगा। रिचार्ज की रकम 10 रुपए पहुंचते ही उसे अलर्ट मैसेज आने लगेंगे कि बिजली कटने की परेशानी से बचने के लिए वो अपने प्रीपेड मीटर को रिचार्ज कर लें।

साढ़े लाख उपभोक्ता

प्रथम चरण में रांची शहर के साढ़े तीन लाख बिजली उपभोक्ताओं के घरों-दुकानों में मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद धनबाद एवं जमशेदपुर में इसे शुरू किया जाएगा। यह योजना केवल शहरी उपभोक्ताओं के लिए है। उपभोक्ताओं के चालू हालत के मीटर को खोल कर जेबीवीएनएल उसे अपने पास रख लेगा। इस मीटर की टेस्टिंग कर ग्रामीण क्षेत्रों में अनमीटर्ड उपभोक्ता को मीटर लगाने में इसे इस्तेमाल किया जाएगा। उपभोक्ताओं के यहां लगने वाले मीटर पूर्ण रूप से नि:शुल्क रहेंगे। लेकिन यह तब होगा, जब विभाग इस दिशा में एक इंच भी हिलेगा। अभी इसे लेकर कोई हलचल दिख नहीं रही है।

वल्र्ड बैंक से मिल गया है अप्रूवल

बिजली वितरण निगम के अधिकारियों का कहना है कि रांची में लगने वाले स्मार्ट मीटर के लिए वल्र्ड बैंक से अप्रूवल मिल गया है। वल्र्ड बैंक के साथ इस पर सहमति बनी है। इसके अनुसार तीन लाख पचास हजार स्मार्ट मीटर बदले जाएंगे। इसमें खराब मीटर को पहले बदला जाएगा और इसकी जगह स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। निगम का कहना है कि रांची जिला में स्मार्ट मीटर नि:शुल्क रिप्लेस किया जायेगा। मालूम हो कि जेबीवीएनएल की ओर से कुछ महीनों पहले वल्र्ड बैंक के पास प्रस्ताव भेजा गया था। जिसमें अब तक हुई टेंडर प्रक्रिया समेत अन्य जानकारी दी गयी थी। इस पर वल्र्ड बैंक से निगम को हरी झंडी मिल गयी है। रांची जिला में स्मार्ट मीटर वल्र्ड बैंक, नेशनल स्मार्ट ग्रिड और राज्य सरकार के सहयोग से लगने हैं। ऐसे में वल्र्ड बैंक से टेंडर प्रक्रिया की अनुमति मिलने के बाद, जेबीवीएनएल को फंड का इंतजार है। फंड मिलने के बाद, निगम जिला में स्मार्ट मीटर रिप्लेस करना शुरू करेगा। वरीय अधिकारियों का कहना है कि टेंडर में अलग-अलग प्रोसेस होते हैं। हालांकि, स्मार्ट मीटर के लिए टेंडर लगभग फाइनल है। यह प्रोजेक्ट 288 करोड़ रुपए का है।