RANCHI: अनलॉक-1 में लगभग सभी क्षेत्रों में रियायत दे दी गई है। सिटी के ऑटो चालकों को भी नियम मानते हुए ऑटो चलाने का परमिशन दिया गया है। लेकिन छूट मिलते ही ऑटो चालकों ने नियमों की धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी है। ऑटो में कितने पैसेंजर बैठाने हैं, इसको लेकर गृह मंत्रालय से ही गाइडलाइन जारी की गई है। लेकिन रांची के ऑटो चालक इन नियमों को नहीं मान रहे हैं। वे अब भी ऑटो में निश्चित संख्या से ज्यादा पैसेंजर लेकर चल रहे हैं। ऑटो चालक दो से अधिक पैसेंजर अपने ऑटो में बिठा रहे हैं। सबसे ज्यादा खराब हालत पिस्का मोड़ से लेकर रातू रोड और पंडरा का है। यहां बेखौफ ऑटो चालक सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं। ऑटो चालकों को अपने बगल में पैसेंजर नहीं बिठाना है, लेकिन ये ऑटो चालक ड्राइवर वाली सीट पर भी अपने बगल में पैसेंजर बिठाकर चल रहे हैं। पूछने पर ऑटो चालकों का कहना है कि नियम देखें या परिवार पालें।

ऑटो की परमिट भी फेल

जानकारी के अनुसार, सिटी में चलने के लिए 2335 ऑटो को परमिट मिला है। लेकिन रिन्यूवल नहीं कराने की वजह से लगभग सभी परमिट फेल हो चुके हैं। वहीं, गृह मंत्रालय की दिशा-निर्देश के अनुसार, वही ऑटो सड़क पर चल सकते हैं, जिनके पास गाड़ी के वैधपेपर के साथ-साथ वैलिड परमिट भी हो। इस संबंध में जब रांची ऑटो चालक यूनियन के अध्यक्ष अर्जुन यादव से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि राजधानी में चलने वाले लगभग सभी ऑटो के परमिट फेल हो चुके हैं। मार्च में ही रिन्यूवल कराने का समय था। लेकिन लॉकडाउन की वजह से और अधिकारियों के टाल-मटोल के कारण परमिट रिन्यूवल नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर परिवहन अधिकारी से मुलाकात करेंगे और जून तक सभी फेल कागज को भी वैध मानते हुए गाड़ी चलाने की अनुमति ली जाएगी।

पैंसेंजर नहीं लगा रहे मास्क

ऑटो चालक भले चेहरे पर मास्क लगा रहे हैं। लेकिन ऑटो में बैठने वाले अधिकतर पैंसेजर्स के चेहरे पर मास्क नजर नहीं आ रहा है। तेजी से फैलती कोरोना महामारी को भी आम पब्लिक गंभीरता से नहीं ले रही है। ऑटो में सभी एक-दूसरे के बगल में सटकर बैठ रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, कुछ ऑटो चालक की ओर से नियमों को फॉलो भी किया जा रहा है। ऑटो चालक न सिर्फ मुंह में मास्क बल्कि हैंड ग्लव्स भी लगा रहे हैं। कुछ ऑटो चालकों ने अपने पास सैनिटाइजर भी दिखाया। लेकिन अधिकतर ड्राइवरों के पास सैनिटाइजर नहीं था। पैसेंजर्स भी सैनिटाइजर की डिमांड नहीं कर रहे हैं। कोरोना जैसी महामारी से अभी निजात नहीं मिली है, लेकिन ऐसी लापरवाही फिर से मुसीबत में डाल सकती है।

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प्रशासन भी नहीं कर रहा कार्रवाई

लिमिट से ज्यादा पैसैंजर लेकर चलने वाले ऑटो ड्राइवरों पर प्रशासन भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। ऑटो की जांच भी नहीं की जा रही है। चौक-चौराहों पर पुलिस के सामने से ऑटो चालक चार-पांच पैसेंजर लेकर चल रहे हैं लेकिन कोई भी पुलिस वाला रोककर पूछताछ करने की जहमत नहीं उठा रहा। न ही ऑटो के परमिट की ही जांच हो रही है। रातू रोड चौक पर तैनात पुलिसकर्मी से जब पूछा गया तो उसने बताया कि ऑटो ड्राइवर चौक पर पैंसेजर उतार देते हैं और आगे बढ़कर बिठा लेते हैं इसलिए वे पकड़ में नहीं आ रहे हैं।