रांची: कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत सिटी में 16 जनवरी को हुई। इसके बाद हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाने का काम तेज हुआ। फ‌र्स्ट फेज का टारगेट पूरा करने के लिए जिला प्रशासन ने टीम को लगा दिया। अब सेकेंड डोज भी लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है ताकि वैक्सीनेशन के टारगेट को पूरा किया जा सके। लेकिन टारगेट पूरा करने के चक्कर में सेफ्टी शील्ड ही ध्वस्त हो चुका है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना की चेन तोड़ने वाली सोशल डिस्टेंसिंग ही खत्म हो गई है। अगर यही स्थिति रही तो वैक्सीनेशन सेंटर से ही कोरोना की नई चेन बन जाएगी।

फ्‌र्स्ट डोज : 49200 में 34 हजार आए

फ‌र्स्ट डोज के लिए सिटी में 49,200 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें से अबतक 34,000 लोग ही टीका लगवाने आए। इसमें देखा जा रहा है कि 69 परसेंट को वैक्सीन लग चुका है। अब भी बाकी लोगों को वैक्सीन लगाने को लेकर प्रशासन रेस है। साथ ही साथ सेकेंड डोज भी शुरू हो चुका है, जिसके लिए लोग पहुंच रहे हैं। अब एक साथ फ‌र्स्ट और सेकेंड डोज के लिए लोगों के पहुंचने के कारण काफी भीड़ लग रही है।

एक मार्च से 50 प्लस वालों का वैक्सीनेशन

सीनियर सिटीजंस के लिए वैक्सीनेशन की बड़ी खेप राजधानी पहुंच चुकी है। एक मार्च से 50 पार वालों को टीका लगाया जाना है। ऐसे में सेंटर पर पहले से व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। वहीं, भीड़ बढ़ने के कारण जगह भी कम पड़ रही है। इस बीच जब सीनियर सिटीजंस का वैक्सीनेशन शुरू होगा तो क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। चूंकि उन्हें इंफेक्शन होने का ज्यादा खतरा होगा।

सेंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग फेल

कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को सख्ती से फॉलो कराने को कहा गया। शुरुआत में इसका पालन भी कराया गया। लेकिन समय बीतने के साथ ही लोग सबकुछ भूल गए। वहीं मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे कि कभी भी सदर हॉस्पिटल के वैक्सीनेशन सेंटर से कोरोना ब्लास्ट हो सकता है।

स्क्रीनिंग का नहीं इंतजाम

सेंटर पर पहले दिन वैक्सीन लगवाने वालों के लिए स्क्रीनिंग सेंटर भी बनाया गया था। जहां पर बेनीफिशियरी की पूरी जानकारी लेने के बाद ही उन्हें वैक्सीन के लिए भेजा जा रहा था। वहीं किसी तरह की ट्रीटमेंट हिस्ट्री को देखते हुए उन्हें पूरी जानकारी भी दी जा रही थी। लेकिन जब बेनीफिशियरी बढ़े तो यह सिस्टम पूरी तरह से बंद हो गया।