रांची (ब्यूरो)। गुरुद्वारा श्रीगुरुनानक सत्संग सभा द्वारा छठे नानक श्रीहरगोविंद जी महाराज के 428वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष में कृष्णा नगर कॉलोनी गुरुद्वारा साहिब में विशेष दीवान सजाया गया। विशेष दीवान की शुरुआत आज पांच जून, सोमवार को सुबह आठ बजे भाई महिपाल सिंह द्वारा आसा दी वार कीर्तन से हुई। गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह ने कथावाचन करते हुए साध-संगत को बताया कि सिखों के छठें गुरु श्री हर गोविंदजी का जन्म बडाली (अमृतसर) में हुआ था.वे सिखों के पांचवें गुरु श्री अर्जुन देवजी के पुत्र थे.उनकी माता का नाम गंगा था.उन्होंने अपना ज्यादातर समय युद्ध प्रशिक्षण एवं युद्ध कला में लगाया तथा बाद में वे कुशल तलवारबाजी, कुश्ती व घुड़सवारी में माहिर हो गए.उन्होंने ही सिखों को अस्त्र-शस्त्र का प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया व सिख पंथ को योद्धा चरित्र प्रदान किया।

जन कल्याण को जीवन

श्री हरगोविंद जी महाराज का जीवन-दर्शन जन-साधारण की कल्याण से जुड़ा हुआ था.श्री हरगोविंद जी ने अकाल तख्त का निर्माण किया था.मीरी पीरी तथा कीरतपुर साहिब की स्थापना की थी.उन्होंने रोहिला की लड़ाई, कीरतपुर की लड़ाई, हरगोविंदपुर, करतारपुर, गुरुसर तथा अमृतसर- इन लड़ाइयों में प्रमुखता से भागीदारी निभाई थी.श्री हरगोविंद जी महाराज युद्ध में शामिल होने वाले पहले गुरु थे.उन्होंने सिखों को युद्ध कलाएं सिखाने तथा सैन्य परीक्षण के लिए भी प्रेरित किया था.श्री हरगोविंदजी ने मुगलों के अत्याचारों से पीडि़त अनुयायियों में इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास पैदा किया.मुगलों के विरोध में गुरु हरगोविंद जी ने अपनी सेना संगठित की और अपने शहरों की किलेबंदी की.उन्होंने अमृतसर में अकाल तख्त (ईश्वर का सिंहासन, स्वर्ण मंदिर के सम्मुख) का निर्माण किया।

हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह जी ने पंज प्याले पंज पीर, छठम पीर बैठा गुरु भारी एवं जमया पूत भगत गोबिंद का प्रगटया सभ मै लिखया धुर काज्ज्ज्। एवं वडी आरजा हरगोबिंद की सुख मंगल कल्याण विचारयाज्ज्। तथा मेरा सतगुर रखवाला होआ धार कृपा प्रभ हाथ दे राखीआ हर गोविंद नवा निरोआ। शबद गायन कर संगत को मंत्रमुग्ध कर किया।

कढ़ाह प्रसाद का वितरण

छह पौढ़ी श्री अनंद साहिब जी के पाठ,अरदास, हुक्मनामा के साथ दीवान की समाप्ति सुबह 10.45 बजे हुई.इसके बाद संगत के बीच कढ़ाह प्रसाद का वितरण किया गया.इस अवसर पर सत्संग सभा द्वारा मिस्सी रोटी एवं रायता का लंगर चलाया गया.मंच संचालन मनीष मिढ़ा ने किया। सत्संग सभा के सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने साध संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी। सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि स्त्री सत्संग सभा द्वारा यह प्रकाश पर्व 22 जून को दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक मनाया जाएगा.इस उपलक्ष्य में 12 जून से श्री सुखमनी साहिब जी के पाठों की लड़ी शुरू होगी जिसका समापन 22 जून को होगा।