रांची (ब्यूरो) । राजधानी रांची में लंबित कांडों के निष्पादन में रांची पुलिस लगातार काम कर रही है। विभाग की स्पेशल टीम बीते तीन महीने से अभियान के रूप में लंबित कांडों के निष्पादन में जुटी है। बात करें यदि बीते एक साल के आंकड़ों की तो रांची पुलिस 5717 वारंट और 592 कुर्की का निपटारा करने में सफल रही है। राजधानी समेत राज्य भर में लंबित कांडों के निपटारे में पुलिस की तेजी आई है। रांची रेंज के अंतर्गत आने वाले जिलों की बात की जाए, तो रांची, गुमला, सिमडेगा, खूंटी और लोहरदगा में वारंट के 11365 और कुर्की के 793 मामलों का निष्पादन किया गया है। हालांकि वारंट के 12671 और कुर्की के 3875 मामले अब भी लंबित हैं। इनके भी निपटारे में पुलिस लगी हुई है। इसे लेकर एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो समय-समय पर लंबित कांडों को निपटाने के लिए समीक्षा बैठक कर जिलों के एसपी और एसएसपी को निर्देश देते रहे हैं, ऐसे में विभाग को लगातार नतीजे प्राप्त हो रहे हैं।
चलाया जा रहा अभियान
रांची समेत पूरे राज्य में लंबित कांडों के निष्पादन को लेकर एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाठकर की अध्यक्षता में ड्राइव चलाया जा रहा है। इसको लेकर लगातार समीक्षा बैठक भी हो रही है। इस महीने भी पुलिस मुख्यालय में इस संबंध में समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें कई अहम निर्णय लिये गए। बैठक में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखने पर भी कई अहम निर्णय लिये गए। पुलिस को क्राइम कंट्रोल, साइबर अपराध पर अंकुश और संगठित गिरोह पर नकेल कसने के लिए खुली छूट दे दी गई है।
मंथली मिल रहा टास्क
पेंडिंग केस के निपटारे के लिए पुलिस की टीम को हर महीने का टारगेट दिया जा रहा है। अलग से कांड निष्पादन का टास्क दिया जा रहा है। सर्वाधिक कांड निष्पादन का लक्ष्य रांची जिला को दिया गया है। राजधानी में अब भी करीब 50 प्रतिशत कांड लंबित हैं। रांची में एक-एक आईओ के पास 15-15 कांडों का अनुसंधान लंबित है। ऐसी स्थिति में अनुसंधान में तेजी लाने के लिए एडीजी ने जरूरी दिशा-निर्देश भी दिया है, जिनमें आइटी एक्ट से संबंधित सर्वाधिक मामले पेंडिंग हैं। अधिकतर मामलों में सीडीआर तक नहीं निकला है।
साइबर क्रिमिनल्स पर कसेंगे नकेल
पेंडिंग केस के निबटारे के साथ-साथ साइबर क्रिमिनल्स पर भी शिकंजा कसने की भी पूरी तैयारी चल रही है। साइबर अपराधियों पर भी कार्रवाई की पुलिस को खुली छूट है। हाल के दिनों में कई अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भी भेजा है। आम लोगों को इस संबंध में अवेयर करने की मुहिम भी चल रही है। साइबर क्राइम से बचने के लिए लोगों को सरल और रोचक तरीके से अवेयर करने का निर्देश दिया गया है। वहीं डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बीते 5 वर्षों से फरार छोटे-बड़े गुंडों को गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया है। साथ ही पुलिस अधिकारियों को लंबित मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए कहा गया है।
नक्सलियों की भी मॉनिटरिंग
अपराधियों के साथ-साथ नक्सल गतिविधियों में भी शामिल लोगों पर मॉनिटरिंग की जा रही है। वैसे नक्सली जिन्होंने बीते 15 सालों में सरेंडर किया है या जो केस में ट्रायल चल रहा है उन पर विशेष निगाह रखी जा रही है। ऐसे लोगों की एक्टिविटी पर पुलिस लगातार नजर रख रही है। वे किनसे मिलते हैं, कहां जाते हैं, आदि विभिन्न क्रियाकलापों पर भी पुलिस की नजर है। पेंडिंग मामलों को सलटाने के अलावा जिले में नक्सल मूवमेंट पर भी विशेष नजर रखने का आदेश दिया गया है। जिला पुलिस और सीआरपीएफ को इसके लिए निर्देशित किया गया है।
ड्रग्स तस्करों पर पुलिस की नजर
वहीं ड्रग्स तस्करों पर भी नकेल कसने की योजना है। राजधानी रांची के विभिन्न थानों में ड्रग्स से संबंधित मामलों की पड़ताल करते हुए इससे जुड़े अपराधियों पर पुलिस नजर रख रही है। इसमें एटीएस को विशेष जिम्मेवारी दी गई है। एटीएस ने बीते कुछ दिनों में ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार भी किया है। इन पर कानूनी कार्रवाई चल रही है। रांची पुलिस तस्करों की धरपकड़ के लिए लगातार अभियान चला रही है। रांची में भी अब युवाओं को गांजा, ब्राउन शुगर और नशीली दवाएं आसानी से मिल रही हैं। इन मादक पदार्थों की यदि एक बार लत लग जाए तो इससे छुटकारा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है, रांची भी नशीले पदार्थों का हब बनता जा रहा है। जिसे देखते हुए रांची पुलिस और एटीएस लगातार कार्रवाई कर रही है।

पेंडिंग मामलों के निपटारे में पुलिस का पूरा फोकस है। कई उलझे मामलों का निपटारा किया गया है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
-किशोर कौशल, एसएसपी, रांची