RANCHI : शिड्यूल एरिया रेगुलेटरी (एसएआर) कोर्ट में आदिवासी जमीन से जुड़े विवादों के त्वरित निपटारे के लिए दो नए एसएआर पदाधिकारी के पद सृजित किए गए हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रदीप कुमार और अनंत कुमार एसएआर पदाधिकारी नियुक्ति किए गए हैं। इस बाबत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। पिछले दिनों ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की बैठक में एसएआर कोर्ट में लंबित मामलों के जल्द निपटारे के लिए एसएआर पदाधिकारी के दो नए पद बढ़ाने का फैसला लिया गया था।

3600 मामले हैं लंबित

रांची स्थित एसएआर कोर्ट में 3600 केस लंबित हैं। आदिवासी जमीन से जुड़े इन सभी मामलों को एक साल में निपटाने का टारगेट है। इसे देखते हुए ही सरकार ने एसएआर कोर्ट में दो अतिरिक्त एसएआर पदाधिकारी की नियुक्ति की है। गौरतलब है कि पिछले दो सालों से एसएआर कोर्ट में मामलों की सुनवाई बंद है। नए एसएआर पदाधिकारियों के ज्वाइन करने के बाद मामलों की सुनवाई में तेजी आने की उम्मीद है।

एसएआर कोर्ट बंद करने का कैबिनेट में हुआ था फैसला

रघुवर सरकार ने कैबिनेट में एसएआर कोर्ट को बंद करने का फैसला लिया था। सरकार के इस फैसले का विपक्षी दलों ने खुलकर विरोध किया था। इसे आदिवासी विरोधी फैसला वे बता रहे थे। ऐसे में मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई ट्राइबर एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग में न सिर्फ एसएआर कोर्ट को चालू रखने पर सहमति बनी, बल्कि इसके लिए एसएआर पदाधिकारी के पद सृजित करने का भी फैसला लिया गया। अब एसएआर पदाधिकारियों की पोस्टिंग भी कर दी गई है।

विवादों में रहा है एसएआर कोर्ट

रांची का एसएआर कोर्ट शुरू से ही विवादों मे रहा है। यहां पदस्थापित रहे एसएआर पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। इसके अलावा मामलों की सुनवाई के दौरान गलत तथ्य पेशकर गलत तरीके से जमीन का मुआवजा दिए जाने के भी कई मामले सामने आए। ऐसे मामलों में सरकार की ओर से भी कार्रवाई की गई। एसएआर पदाधिकारी रहे देवनीश किड़ो को भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।