निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता की गिरफ्तारी पर रोक

रांची : राज्यसभा चुनाव 2016 में हार्स ट्रे¨डग मामले में अभियुक्त निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता को झारखंड हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ ने अगली सुनवाई की तिथि तक एडीजी अनुराग गुप्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हालांकि, अदालत ने इस मामले में पीसी एक्ट (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) जोड़ने पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई है और जांच भी जारी रखने की छूट दी है। अदालत ने राज्य सरकार से इस मामले में विस्तृत जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।

बताते चलें कि एडीजी अनुराग गुप्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले में पीसी एक्ट जोड़े जाने को चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान अनुराग गुप्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ लुथरा ने कहा कि राज्य सरकार एडीजी अनुराग गुप्ता को परेशान करने की मंशा से इस मामले में अब पीसी एक्ट जोड़ने के लिए आवेदन दिया है। यह घटना वर्ष 2016 की है। एक सीडी के आधार पर चुनाव आयोग के निर्देश पर 29 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें जमानतीय धाराएं लगाई गई थी। फारेंसिक लैब ने सीडी को पूरी तरह से सही नहीं माना और मूल डिवाइस की मांग की। फरवरी 2021 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद मूल डिवाइस को जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट आने से पहले ही अनुसंधान अधिकारी ने निचली अदालत में आवेदन देकर पीसी एक्ट जोड़ने की मांग की है। इसके बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले को निगरानी की विशेष कोर्ट में भेज दिया। इस मामले में सीआरपीसी के प्रविधानों का सही से पालन नहीं किया गया है। अगर पीसी एक्ट जोड़ा जाता है तो अनुराग गुप्ता की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। इसलिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।

इधर, महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से इसका विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि जांच में इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर अनुसंधान अधिकारी ने पीसी एक्ट जोड़ने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है। इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई की अगली तिथि तक अनुराग गुप्ता की गिरफ्तारी रोक लगा दी है।