रांची: सिटी में कुत्तों का आंतक एक बार फिर बढ़ गया है। लगभग सभी गलियों, मोहल्लों में कुत्तों ने खौफ बना रखा है। कुत्तों के भय से आम पब्लिक का जीना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल कोरोना काल में बीते सात से आठ महीने से कुत्तों का वैक्सीनेशन भी बंद है और इन महीनों में कुत्तों की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। शहर के हर गली में कुत्तों का राज है। कई मोहल्लों में तो सौ से भी अधिक हो चुके हैं। ये कुत्ते झुंड बनाकर राहगीरों पर अटैक करते हैं। अचानक कुत्तों द्वारा किए गए हमले से कभी-कभी बड़ा हादसा भी हो जाता है। रात के अंधेरे में कुत्ते काफी ज्यादा आक्रामक होते हैं। गाडि़यों को देखकर भौंकना और उसके पीछे भागने से गाड़ी चला रहा व्यक्ति भी भयभीत हो जाता है, जिससे एक्सीडेंट भी हो रहा है।

अब सामानों को भी नुकसान

कुत्ते पहले इंसानों को ही नुकसान पहुंचाते थे, लेकिन अब घर में रखे सामान को भी ये अपना शिकार बना रहे हैं। घर में रखी कार हो या घर के दूसरे सामान को भी अब ये गली के कुत्ते बर्बाद करने पर तुले हैं। रानी बगान स्थित बीएन सिंह के घर पर रखी कार को कुत्तों ने नुकसान पहुंचाया है। कुत्तों ने गाड़ी में कई जगह स्क्रैच कर दिया वहीं नंबर प्लेट को भी खुरेच कर खराब कर दिया है। बीएन सिंह ने बताया कि करीब दस कुत्ते घर में घूस आए थे। सुबह चार बजे भौंक-भौंक कर पूरे घर में तहलका मचा दिया। घर के सभी लोग सहम गए थे। कुत्तों ने कार को काफी क्षति पहुंचाई। ऐसी घटना बार-बार हो रही है। दर्जनों कुत्ते कैंपस के अंदर चले आते हैं और सामानों को नुकसान पहुंचाते हैं।

हॉस्पिटल में भी कुत्तों का डेरा

डॉग बाइट पर इंजेक्शन लगाया जाता है। सदर हॉस्पिटल में इंजेक्शन लगाने की व्यवस्था है। लेकिन यहां कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहता है। दरअसल सदर हॉस्पिटल में कोरोना के संक्रमितों को भी लाया जाता है। ऐसे में डॉग बाइट होने पर सदर हॉस्पिटल जाकर इंजेक्शन लगवाना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है। लोगों को डर होता है, कहीं कुत्ते काटने का इंजेक्शन लगवाने जाएं और कोरोना संक्रमित न हो जाएं। वहीं सदर हॉस्पिटल में भी कुत्तों ने डेरा जमा रखा है। यहां हर दिन सैकड़ों मरीज अपना इलाज कराने आते हैं। लेकिन हॉस्पिटल में भी मरीजों का सामना कुत्तों से होता है। ये खूंखार कुत्ते कभी भी किसी को अपना शिकार बना सकते हैं।

नागा बाबा खटाल

नागा बाबा खटाल के पास दर्जनों कुत्तों का जमावड़ा रहता है। शाम या रात के वक्त जब भी इधर से कोई शख्श गुजरता है, ये कुत्ते उसे देख भौंकने लगते हैं। टू व्हीलर और फोर व्हीलर गाड़ी के पीछे दौड़ते हुए काटने की कोशिश करते हैं।

पिस्का मोड़ से लाहकोठी

पिस्का मोड़ से लेकर लाहकोठी एरिया भी कुत्तों का गढ़ बन चुका है। सुबह-शाम कुत्तों की टोली जमी रहती है। झुंड बनाकर ये कुत्ते राहगीरों को देख भौंकते हैं। जरा सी भी लापरवाही हुई कि कुत्ता झपट पड़ता है। देवी मंडप रोड में दो दिन पहले ही कुत्ते ने 16 वर्ष के एक बच्चे को काट दिया था।

चेशायर होम रोड

चेशायर होम रोड में भी कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। यहां कुत्ते घरों में घूस जाते हैं। इस कारण लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। कुत्ते बच्चे और बूढ़ों को देख भौंकते हैं। भागने पर दौड़ाकर काटते भी हैं। सात बजे के बाद इस गली से गुजरना भी मुश्किल होता है।

पहाड़ी मंदिर गली

पहाड़ी टोली, न्यू मधुकम, खादगढ़ा सब्जी मार्केट में भी ऐसा ही माहौल है। यहां भी कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। एक संस्था द्वारा इस एरिया में कुत्तों की गिनती भी की गई थी। जिसमें 163 कुत्ते पाए गए थे। इनमें अधिकतर खूंखार और हबकने वाले कुत्ते हैं। मोहल्ले के लोग कुत्ते से काफी भयभीत हैं।

नगर निगम की है जिम्मेवारी

कुत्ता पकड़ने की जिम्मेवारी रांची नगर निगम की है। लेकिन लॉकडाउन से पहले से ही कुत्तों को पकड़ने और वैक्सीनेशन का काम बंद है। इस कारण इन दिनों कुत्तों की संख्या काफी बढ़ गई है। सिटी में डॉग वैक्सीनेशन और स्टरलाइजेशन के लिए रांची नगर निगम के पास जगह ही नहीं है। नतीजन, नगर निगम ने यह काम एक प्राइवेट एजेंसी को दे रखा है। यह एजेंसी कुत्तों को पकड़ कर शहर के बाहर ले जाती है, जहां वैक्सीनेशन के बाद छोड़ दिया जाता है। लेकिन बीते आठ महीने से भी अधिक समय से एजेंसी का भी काम बंद है।