रांची (ब्यूरो)। यह सिर्फ नृत्य महोत्सव नहीं, बल्कि ऐसे वर्गों के लिए सम्मान है जो शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े रह गए हैं। यह पूरे देश और विदेश के लिए संदेश है कि अगर हम चाहें तो यह वर्ग हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकता है। इनके नाम पर विभाग तो बन जाते हैं लेकिन इसके समुचित लाभ से समुदाय वंचित रह जाता है। मैं भी एक आदिवासी समाज से आता हूं। किस तरह से इस जगह पर पहुंचा हूं। यह बहुत बड़ी चुनौती रही है मेरे लिए। आज तो मुझे आपके बीच में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का मौका मिला। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं अगर मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं भी रहता तो अवश्य इस कार्यक्रम में आता। मैं यहां आए सभी कलाकारों को शुभकामनाएं देता हूं। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। वह छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव 2021 के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से जनजाति वर्ग को ऊर्जा मिलेगी और वे अपनी सभ्यता एवं संस्कृति को अक्षुण्ण रख सकेंगे। साथ ही, परिसर में आयोजित मेला में इन वर्गों की अद्भुत आंतरिक क्षमता भी देखने को मिलेगी, जो प्राकृतिक रूप से इनके साथ जुड़ा रहता है।

2019 में शुरू हुआ महोत्सव

मुख्यमंत्री ने कहा आदिवासी नृत्य महोत्सव 2019 से शुरू किया गया है। यह पूरे देश में अपने आप में अलग कार्यक्रम है। जहां आदिवासी समाज की परंपरा और संस्कृति से रूबरू होने का अवसर प्राप्त होता है। जनजातीय समाज अपनी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को भौतिकवादी युग से बचाने में संघर्षरत है। ऐसे में इस कार्यक्रम से जनजाति वर्ग को एक ऊर्जा मिलेगी और वे अपनी सभ्यता एवं संस्कृति को अक्षुण्ण रख सकेंगे। साथ ही, परिसर में आयोजित मेला में इन वर्गों की अद्भुत आंतरिक क्षमता भी देखने को मिलेगी, जो प्राकृतिक रूप से इनके साथ जुड़ा रहता है।

क्रय शक्ति बढ़ाने के हों काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के आसपास रहता है। उनके खेत, खलिहान, पशु और वनोपज ही इनका धन है। छत्तीसगढ़ शासन वनोपज में एमएसपी देकर ऐसे समुदाय को मदद कर रही है, जो सराहनीय है। मेरा मानना है कि गांव समृद्ध होगा तभी देश और राज्य का विकास हो सकता है। ऐसे ही देश और राज्य आगे बढ़ेगा। ग्रामीणों की क्रय शक्ति बढ़ाने और देश के वंचित, पिछड़ों, गरीबों के उत्थान की दिशा में कार्य होना चाहिए।

समुदाय के उत्थान को प्रयासरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड के आदिवासी समुदाय की ब'िचयां खेल के क्षेत्र में अपना जौहर दिखा रही हैं। हॉकी की राष्ट्रीय टीम में झारखण्ड की सात ब'िचयां शामिल हुईं। यह सभी एक ही जिला से आतीं हैं। राज्य सरकार झारखण्ड में खेल की संभावनाओं को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा सरकार ने जनजातीय समाज के होनहार और प्रतिभाशाली ब'चों को सौ प्रतिशत अनुदान पर यूके भेजकर उज्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्रदान किया है। 6 ब'चों को चयनित कर हम उ'च शिक्षा के लिए विदेश भेजने में सफल रहे हैं।

झारखण्ड के कलाकार भी देंगे प्रस्तुति

इस महोत्सव में विवाह संस्कार, पारंपरिक त्योहार, अनुष्ठान, फसल कटाई, कृषि एवं अन्य पारंपरिक विधाओं पर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा। प्रतियोगिता में झारखण्ड की ओर से विवाह संस्कार की विधा के तहत कड़सा, फसल कटाई के तहत उरांव एवं छऊ नृत्य की प्रस्तुति आदिवासी समुदाय के कलाकार देंगे। मौके पर मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्रीगण, राज्यसभा सदस्य बीके हरिप्रसाद, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन समेत अन्य मौजूद थे।