रांची (ब्यूरो) । मारवाडी कॉलेज, रांची के जुलॉजी विभाग के स्नातक सेमेस्टर छह और स्नातकोत्तर सेमेस्टर चार के 100 छात्र-छात्राओं को 1 दिन के स्टडी टूर के लिए मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र, धुर्वा ले जाया गया, जहां उन्हें मास्टर ट्रेनर साएबा आफरीन ने 2 घंटे के सैद्धांतिक सत्र में मछली पालन के महत्वपूर्ण प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर स्टूडेंट को मछली पालन के आयाम, मछली उत्पादन के चरण, प्रेरित प्रजनन, तालाब के प्रकार तथा और भी तकनीकों के बारे में बताया$ साथ ही फिशरी एक्स्टेनशन ऑफिसर स्वर्णलता मधु लकड़ा के द्वारा यह बताया गया कि मछली पालन प्रशिक्षण के मदद से कैसे झारखण्ड में मछली उत्पादन 2.3 लाख मैट्रीक टन संभव हो पाया है।

तालाबों को दिखाया

फिशरी एक्स्टेनशन ऑफिसर ने बताया कि फिशरी में राज्य के किसान कैसे आत्मनिर्भर हो सकते हैं$ 3 घंटे के फील्ड विजिट में मुख्य प्रशिक्षक साएबा आफरीन ने छात्रों को अलग अलग प्रकार के कृत्रिम तालाबों का अवलोकन कराया$ जलीय कृषि में केज कल्चर के महत्वपूर्ण उपयोग के बारे में भी बताया गया$ पाठ्यक्रम में छात्र छात्राओं को इन विषयों का लिखित विश्लेषण दिया जाता है, परन्तु फील्ड विज़िट की मदद से उनकी अवधारणा और स्पष्ट हुई। मारवाड़ी कॉलेज के जूलॉजी विभाग से डॉ शाइनी कच्छप, शाहीन रजिय़ा, दीपशिखा सम्दरशी, सामुएल टोप्पो और मुन्नी स्वांसी ने बच्चों का पर्यवेक्षण किया$

स्टूडेंट का होता है लाभ

मालूम हो कि कॉलेज की ओर से समय-समय पर स्टूडेटस को रांची समेत अन्य महत्वपूर्ण और शैक्षणिक दृष्टि से जरूरी जगहों का भ्रमण कराया जाता है। इससे स्टूडेंट को इन जगहों की जानकारी के अलावा उनकी जानकारी में वृद्धि होती है। इसका लाभ स्टूडेंट के करियर में होता है।