रांची(ब्यूरो)। शहर में होटल ताज बनने जा रहा है। सरकार ने नई विधानसभा के पास कोर कैपिटल साइट-1 में छह एकड़ जमीन 60 सालों के लीज पर इंडियन होटल कंपनी को आवंटित कर दी है। लीज अवधि पूरी होने पर 30 साल का लीज और दिया जाएगा। नगर विकास विभाग ने कुछ शर्तों के साथ यह लीज दी है। इसमें होटल की कुल आय की 3.10 परसेंट राशि झारखंड सरकार को लीज रेंट के रूप में दी जाएगी। कंपनी के साथ सरकार जल्द ही एमओयू करने की तैयारी में है।

ये होंगी सुविधाएं

टाटा समूह की इस अग्रणी कंपनी की ओर से विकसित ताज होटल ने भारत एवं विश्व में अत्यंत प्रतिष्ठित आतिथ्य स्थल होने का गौरव हासिल किया है। झारखंड पर्यटन नीति 2021 के तहत टाटा के साथ इस मसले पर करार हुआ था। आइएचसीएल की ओर से यहां 200 कमरों के साथ-साथ बैंक्वेट हाल आदि का भी निर्माण किया जाएगा। इस इलाके में जीआरडीए की ओर से बिजली, जलापूर्ति जैसी सुविधाएं सुनिश्चित कराई जाएंगी।

मुंबई के होटल ताज जैसा

मुंबई के होटल ताज की तर्ज पर रांची में होटल बनेगा। मुंबई के ताज होटल का निर्माण टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी नसरवानजी टाटा ने किया था। लेकिन इस होटल के निर्माण के पीछे एक कहानी है जिसके कारण जमशेद जी टाटा होटल बनाने के लिए प्रेरित हुए। बताया जाता है कि ब्रिटिश काल में एक सबसे भव्य होटल में जमशेद जी टाटा को प्रवेश करने से मना कर दिया गया था, क्योंकि उस होटल में सिर्फ गोरे लोगों की ही एंट्री थी। जमशेदजी टाटा ने इसे पूरे भारतीयों का अपमान समझा और फैसला किया कि वे एक ऐसा होटल बनाएंगे, जहां केवल भारतीय ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी लोगों को बिना किसी प्रतिबंध के आने और रहने की अनुमति होगी। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने देश का पहला सुपर लग्जरी होटल बनाया।

दुनिया भर में फेमस है होटल ताज

आज ताज दुनिया के सबसे भव्य होटलों में शुमार है। हाल ही में होटल ताज की गुणवत्ता और आतिथ्य सत्कार के कारण इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया का सबसे होटल ब्रांड में शामिल किया गया है। मुंबई में स्थित होटल ताज को वास्तुशिल्प का अद्भुत नमूना माना जाता है। होटल ताज की नींव टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने वर्ष 1898 में रखी और 16 दिसंबर 1902 में मेहमानों के आतिथ्य सत्कार के लिए सबसे पहले इस होटल के दरवाजे खुले थे। जबकि 31 मार्च 1911 में उसके ठीक सामने गेटवे ऑफ इंडिया की नींव रखी गई थी।

मुंबई की पहली इमारत

ताज पैलेस बिजली से जगमगाने वाली मुंबई की पहली इमारत है। इस होटल को दो अलग-अलग इमारतों को मिलाकर बनाया गया है। इसमें एक का नाम है ताजमहल पैलेस जबकि दूसरे का नाम है ताज टावर। दोनों इमारतों का ऐतिहासिक स्वरूप और स्थापत्य स्वरूप एक दूसरे से अलग है। ताजमहल पैलेस 20वीं शताब्दी की शुरुआत में बनाया गया, जबकि टॉवर को 1973 में मेहमानों के लिए खोला गया था। इस होटल की भव्यता के कारण यहां कई देशों के राष्ट्रपति, उद्योग जगत की बड़ी हस्तियां, हॉलीवुड और बॉलीवुड की हस्तियां भी यहां के आतिथ्य का आनंद उठा चुके हैं।

कई लोग रुके ताज होटल में

रतनबाई पेटिट, पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की दूसरी पत्नी, 1929 में अपने अंतिम दिनों के दौरान होटल में रहती थीं। इसके अलावा भी कई बड़ी हस्तियों का जन्म भी यहां हुआ है। टाटा साहब की दरियादिली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले विश्वयुद्ध के समय इस होटल को 600 बेड का एक सैन्य अस्पताल में बदल दिया गया था। इस होटल को ब्रिटिश राज के समय से ही बेहतरीन होटलों में से एक माना जाता है। वर्ष 2008 में पाकिस्तान के आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले का मुख्य लक्ष्य होटल ताज ही था। इस होटल की भव्यता ऐसी कि दुश्मन देश भी इससे जलते हैं, इसीलिए मुंबई में जब आतंकी हमला हुआ तो आतंकवादियों ने इस होटल को काफी नुकसान पहुंचाया।

आर्ट से भरा है

दुनिया भर की नायाब पेटिंग्स, हस्तकला की कई आकृतियों को नष्ट कर दिया गया। होटल को भी जलाने की कोशिश की गई। इसके बावजूद होटल ताज पूरे विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है। कई उतार-चढ़ाव के बावजूद ताज होटल को ग्लोबल ब्रांड इक्विटी मॉनिटर, ब्रांड फाइनांस पर सबसे अच्छा स्कोर मिला है, जो उसे दूसरों से बेहतर बनाता है।