RANCHI: हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली में त्रुटियों पर अभ्यर्थियों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार को इनकी नाराजगी का शिकार रांची यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय को होना पड़ा। सैकड़ों गुस्साए अभ्यर्थियों ने रांची विवि मुख्यालय में करीब घंटे भर वीसी को घेरे रखा। कहा कि फ्फ् परसेंट पर सब्सिडियरी में पास किया जाता है। वहीं, सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन भी च्वाइस के आधार पर होता है। इसका लिखित आरयू के वीसी दें। ताकि उन्हें फॉर्म भरने का मौका मिल सके। मौके पर क्ख्0 छात्रों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भी वीसी को सौंपा है। वहीं, वीसी ने इस मामले में अभ्यर्थियों का सहयोग करने का भरोसा दिया है। इससे पहले नाराज अभ्यर्थियों ने धुर्वा प्रोजेक्ट भवन स्थित शिक्षा विभाग के मुख्यालय में भी प्रदर्शन किया। कुछ ने डीईओ कार्यालय का भी घेराव किया

युवाओं का करियर चौपट होगा

रांची विवि के सीनेट मेंबर आरपी गोप का कहना है कि शिक्षक नियुक्ति नियमावली में सब्सिडियरी पेपर में ब्भ् परसेंट की अनिवार्यता और ऑनर्स के साथ सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन हजारों बेरोजगारों के साथ अन्याय है। ऐसे भी ग्रेजुएशन में सब्सिडियरी पेपर का कोई खास महत्व नहीं होता है। इसमें पासिंग मा‌र्क्स फ्फ् है। यदि सब्सिडियरी पेपर में छात्र फ्फ् से ज्यादा नंबर भी लाते हैं तो उसका कोई महत्व नहीं होता। क्योंकि इससे अधिक मा‌र्क्स आने पर वह मेरिट में नहीं जुड़ता है। इसलिए इस विषय पर न तो छात्र और न ही शिक्षक ज्यादा ध्यान देते हैं। यहां तक कि कॉलेज में सब्सिडियरी पेपर को हल्के में ही लिया जाता है। ऐसे में राज्य सरकार हजारों बेरोजगार युवक-युवतियों का भविष्य बर्बाद करने पर आमादा है। इस पर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को विचार करने की जरूरत है।

एसीएस ने गिनाई गलतियां

आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष सुशील उरांव ने शिक्षा सचिव से मिलकर हाई स्कूल नियुक्ति नियमावली और प्लस टू शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित कराया। कहा कि हाई स्कूल शिक्षक के लिए रांची जिले में कुड़ुख भाषा शिक्षकों की रिक्तियों के विरुद्ध सीट कम है। रांची में सिर्फ चार सीटें ही कुड़ुख भाषा के लिए दी गई हैं। अब तक दो बार हाई स्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा हुई, लेकिन रांची जिले के हाई स्कूलों में सिर्फ ख् शिक्षक ही कुड़ुख भाषा के हैं। जबकि रांची पश्चिमी क्षेत्र (उरांव जनजाति बहुल क्षेत्र)में स्कूलों की संख्या 8भ् है। एसीएस ने प्लस टू स्कूल भर्ती विज्ञापन में भी आपत्ति जताई है। सुशील उरांव का कहना है कि प्लस टू शिक्षक भर्ती के लिए उम्र निर्धारण क् जनवरी ख्0क्क् से किया जाए। ज्ञापन की प्रति एसीएस ने सीएम और अन्य आलाधिकारियों को भी उपलब्ध कराई है।

जेसीएस ने सीएम को ज्ञापन भेजा

हाई स्कूल व प्लस टू स्कूलों में बहाली की नियुक्ति नियमावली को संशोधित कर नई नियुक्ति नियमावाली जारी करने की मांग झारखंड छात्र संघ के कार्यकर्ताओं ने की है। बुधवार को डीईओ कार्यालय में धरना देकर संघ ने यह मांग की है। रांची जिला में हाई स्कूल में उर्दू शिक्षक के पद नहीं दिये जाने का भी विरोध संघ ने किया है। संघ के अध्यक्ष एस अली ने डीईओ को सीएम और सेक्रेट्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगे रखी हैं। इसके बाद शिक्षा सचिव से भेंट कर भी इस बाबत हस्तक्षेप की मांग की गई है।

क्या हैं मांगें

इतिहास के साथ नागरिक शास्त्र, गणित के साथ भौतिकी और जीव विज्ञान के साथ रासायन शास्त्र में ब्भ् अंक होने पर आवेदन करने की बाध्यता समाप्त हो

नागरिक शास्त्र के पद अलग से सृजन कर बहाली किया जाए

उर्दू शिक्षक के पद रांची जिला साहित अन्य जिलों में सृजन कर हाई स्कूल बहाली में शामिल किया जाए

संस्कृत, उर्दू, अरबी, फारसी में शैक्षणिक योग्यता स्नातक किया जाए

बहाली में उम्र सीमा में पांच वर्ष की छूट दिए जाए

अधिसूचित क्क् जिलों के सामान्य पदों को स्थानीय अभ्यर्थियों के लिए सुरक्षित किया जाए

निगेटिव मार्किग का प्रोविजन खत्म हो

क्या कहते हैं अभ्यर्थी

राज्य के किसी भी विवि में ऑनर्स पेपर के साथ कोई कोई खास विषय रखने की बाध्यता नहीं है। तो फिर हिस्ट्री के साथ पॉलिटिकल, मैथ्स के साथ फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ बायोलॉजी का कॉम्बीनेशन कैसे रख दिया गया है। हम इसी का हिसाब मांगने वीसी से आए हैं कि दोषपूर्ण नियुक्ति नियमावली में हस्तक्षेप करें क्योंकि हजारों बेरोजगारों के भविष्य का सवाल है।

सुमित कुमार सिंह, अभ्यर्थी, हाई स्कूल भर्ती परीक्षा

किसी एक विषय के शिक्षक के लिए कोई एक ही योग्यता निर्धारित होती है, लेकिन इस साल जो नियुक्ति नियमावली जारी किया गया है उसमें ऐसा नहीं किया गया है। भला ऐसा कहां तक न्यायसंगत है।

दीपक भगत, अभ्यर्थी

हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली और प्लस टू शिक्षक नियमावली में निगेटिव मार्किग का प्रोविजन कर दिया है, देशभर में कहीं भी शिक्षक नियुक्ति की परीक्षा में निगेटिव मार्किग का प्रावधान ही नहीं है तो फिर क्या झारखंड देश से अलग है।

महेंद्र प्रताप, अभ्यर्थी

यूपीएससी की ओर से आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा में भी मा‌र्क्स का क्राइटेरिया नहीं है। देश की सबसे बड़ी परीक्षा के लिए जब मा‌र्क्स क्राइटेरिया नहीं है तो फिर शिक्षकों के लिए इतने नियम कानून क्यों।

दिलीप कुमार, अभ्यर्थी