रांची: अब अपनी पसंद की सिटी में बच्चों को पढ़ाएंगे मास्टर साहब। जी हां, झारखंड के प्राइमरी से लेकर प्लस टू स्कूलों तक के टीचर्स की तबादला नीति बदल रही है। टीचर ट्रांसफर नियमावली-2019 में संशोधन के बाद दिव्यांग, असाध्य रोगी, सरकारी सेवा वाले पति-पत्‍‌नी के साथ-साथ अब महिला समेत अन्य शिक्षकों को भी गृह जिला में स्थानांतरण का मौका मिलेगा। वहीं, यदि पति-पत्नी दोनो टीचर हैं और अलग-अलग जिलों में पढ़ा रहे हैं तो उन्हें एक जिले में नौकरी करने का अब मौका मिलेगा।

पहली से टीचर ट्रांसफर पोर्टल

राजधानी रांची सहित राज्य भर में टीचर ट्रांसफर नियमावली-2019 में संशोधन के लिए कमेटी गठित होने के बाद शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसकी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर एक पोर्टल तैयार किया है। चतरा से इसकी शुरुआत होगी। शिक्षकों के ट्रांसफ र पोर्टल को प्रभावी बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत चतरा से शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया है। टीचर ट्रांसफर पोर्टल में स्थानांतरण के लिए शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना है। यह पोर्टल एक अगस्त से खुल जाएगा, उसके बाद ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं।

सालों से नहीं हुआ है ट्रांसफर

झारखंड में अंतर जिला स्थानांतरण कई वषरें से नहीं हुआ है। राज्य में 2015-16 की नियुक्ति प्रक्रिया में प्रारंभिक स्कूलों में नियुक्त हुए 18 हजार शिक्षकों में से 8000 ऐसे हैं जो दूसरे जिलों में कार्यरत हैं और गृह जिला लौटना चाहते हैं। इनमें करीब 3500 महिला टीचर्स हैं। कई की योगदान के बाद शादी भी हुई है। उनके सर्विस बुक और आवासीय में मायके का ही पता है। जबकि उनके पति निजी कंपनियों में दूसरे जिलों कार्यरत हैं। लेकिन उनका तबादला नहीं हो पा रहा है।

ट्रांसफर की मिली छूट

2019 में बनी तबादला नीति के अनुसार, इसमें उन्हीं महिला टीचर्स को अंतर जिला स्थानांतरण की छूट है, जिनके पति सरकारी सेवा में दूसरे जिलों में तैनात हैं। ऐसे में पति का गृह जिला ही पत्‍‌नी का गृह जिला हो जाता है। लेकिन अब महिलाओं को अंतर जिला स्थानांतरण की विशेष छूट दी जा सकती है। शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण के साथ-साथ विभाग द्वारा तैयार पांच जोन में भी तबादला होगा। इसमें शिक्षकों का शहरी, प्रखंड, पंचायत, ग्रामीण, सुदूर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों में पदस्थापन होना है। शिक्षकों को इन जोन में अपनी सेवा के दौरान एक बार अवश्य रहना है।

तीन ऑप्शन देना होगा

झारखंड में स्कूलों के वैसे शिक्षक जो दूसरे जिलों के निवासी हैं, उन्हें सीमावर्ती तीन जिलों के विकल्प की छूट होगी। वे प्राथमिकता के आधार पर किसी जिले में पदस्थापित हो सकेंगे। इसमें महिला शिक्षिकाओं के लिए उनके पति के गृह जिले को ही उनका गृह जिला माना जाएगा। सरकारी सेवा वाले पति-पत्‍‌नी जिस जिले का विकल्प देंगे, वही उनका गृह जिला माना जाएगा।

टीचर ट्रांसफर पोर्टल शुरू करने से पहले शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए 28 जुलाई को एक दिन की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद एक अगस्त टीचर ट्रांसफर पोर्टल चतरा जिले के टीचरों के लिए खोल दिया जाएगा, उसके बाद दूसरे जिलों में भी यह लागू किया जाएगा।

-शैलेश चौरसिया, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, झारखंड